फार्मा कंपनी के कर्मचारी संग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहा था डॉक्टर, पुलिस ने ऐसे दबोचा

इंजेक्शन की तलाश के दौरान डॉक्टर की आरोपियों से हुई थी मुलाकात। आरोपी मिलकर वारदात को दे रहे थे अंजाम।;

Update: 2021-05-01 05:11 GMT

एक तरफ लोगों की जान जा रही है। वहीं दूसरी तरफ लोग इसका फायदा उठाने में जुटे हैं। सरकार से लेकर तमाम लोगों के आग्रह और कड़ी कार्रवाई के बावजूद ये लोग ऐसी घिनौनी करतूत से बाज नहीं आ रहे हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं रेमडेसिविर इंजेक्शन की। हाईटेक सिटी नोएडा की थाना सेक्टर-24 पुलिस और क्राइम ब्रांच ने जाइंट ऑपरेशन में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से तीन इंजेक्शन, तीन मोबाइल और ब्रेजा कार बरामद की है।

आरोपियों की पहचान डॉक्टर निशरत के रूप में हुई है। आरोपी डॉक्टर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का आरोप लगा है। डीसीपी क्राइम अभिषेक सिंह, ने बताया कि दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टर निशरत इमाम जरूरतमंदों के नाम पर अस्पताल और ठीक हो चुके संक्रमितों के पास बचे इंजेक्शन को एकत्र करके आरोपित हमजा और मुजिबुर्र रहमान के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों को 35 हजार रुपये में बेचता था। अब तक आरोपितों ने करीब 12 लोगों को इंजेक्शन बेचे हैं। हमजा और मुजिबुर्र रहमान गाजियाबाद के साहिबाबाद की पीर कालोनी के रहने वाले हैं। आरोपितों में एक मनी ट्रांसफर की दुकान चलाता है और दूसरा नोएडा की फार्मेसी में काम करता है।

पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि डॉ. निशरत इमाम से अन्य दो आरोपियों की मुलाकात उस समय हुई थी। जब वह अपने एक परिचित के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन की तलाश कर रहे थे। यही से आरोपियों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने का प्लान बनाया। इतना ही नहीं आरोपियों ने प्लानिंग कर इस वारदात को अंजाम भी दिया। डीसीपी क्राइम ने बताया कि डॉक्टर नुसरत के पास से पुलिस ने एक ब्रेजा कार में रखी रेमडेसिविर 100 एमजी के 3 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि ये लोग कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करते थे, तथा उन्हें ऊंचे दाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते थे। डॉ. निशरत इमाम ऐसे संक्रमितों के संपर्क में रहता था, जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और अब उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं थी। उनसे डॉ. निशरत बाजार दर पर इंजेक्शन खरीदता था और फिर उसकी कालाबाजारी करता था। पूछताछ में तीनों ने बताया कि अब तक वे करीब 12 लोगों को 35 हजार रुपये की दर से इंजेक्शन बेच चुके हैं।

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