प्रियंका गांधी ने राकेश टिकैत के आंसूओं को हथियार बनाकर साधा पीएम मोदी पर निशाना, बोलीं- हमारे प्रधानमंत्री अहंकारी राजा जैसे...
उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी ने जिस तरह से कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार को घेरना शुरू किया है, उससे पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर नए उत्साह का संचार हुआ है। कांग्रेस महासचिव ने 15 फरवरी को बिजनौर और 10 फरवरी को सहारनपुर के चिलकाना में किसान पंचायत की थी, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी थी।;
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मुजफ्फरनगर के बघरा में आयोजित किसान महापंचायत में भी कृषि कानूनों के खिलाफ मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने दोहराया कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत के आंसूओं का भी जिक्र किया और प्रधानमंत्री मोदी को अहंकारी राजा जैसे बता दिया।
प्रियंका गांधी ने कहा कि 90 दिनों से लाखों किसान बॉर्डर पर शांति से बैठकर संघर्ष कर रहे हैं। अब तक 215 किसान शहीद हुए। बॉर्डर को ऐसा बनाया गया जैसे देश की सीमा हो। दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन करने वाले किसानों का अपमान किया गया। जो किसान अपने बेटों को देश की सुरक्षा के लिए सीमा पर भेजता है, उनका अपमान किया गया। किसानों को देशद्रोही, आतंकवादी, परजीवी, आंदोलनजीवी कहा गया। मेरा मनाना है कि हमारे देश का हृदय किसान है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि किसान आंदोलन को पूरी दुनिया देख रही है। लगता है कि प्रधानमंत्री अहंकारी राजा जैसे हो गए हैं, जो महल से बाहर नहीं निकलते थे। लोग डर के कारण राजा के सामने बड़ी बड़ी बात करते और राजा का अहंकार बढ़ गया। लगता है कि वैसे ही हमारे प्रधानमंत्री काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जब किसान नेता राकेश टिकैत की आंखों में आंसू थे, तब भी पीएम मोदी मुस्करा रहे थे। उन्होंने किसानों से सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री ने गन्ना के बकाये के भुगतान का और किसानों की आमदनी दोगुना करने का वादा किया था, क्या वो वायदा पूरा हुआ?
प्रियंका ने कहा कि देश के किसान जब कह रहे हैं कि हमें यह कानून नहीं चाहिए तो इसे वापस क्यों नहीं लिया जा रहा। उन्होंने कहा कि मैं आज जिस धरती पर खड़ी हूं, वहां से कई आंदोलन शुरू हुए। मेरे पिताजी राजीव गांधीजी की सरकार थी तो 50 हजार किसान दिल्ली आए, लेकिन वो मायूस होकर नहीं गए। उनकी मांगें पूरी की गईं। मैं भी कभी आपके साथ गद्दारी नहीं कर सकती। जब भी आप संकट में होंगे, मैं आउंगी। बस आप पीछे मत हटना।
मुजफ्फरनगर महापंचायत में बॉक्सर बिजेंद्र सिंह भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार के दौरान मुझे सीओ के पद पर नियुक्ति मिली, लेकिन जब से भाजपा की सरकार है, तब से खिलाड़ियों को कोई नौकरी नहीं दी गई। कहा कि भाजपा कृषि कानून वापस तो लेगी लेकिन दुखी करके।
महापंचायत में शामिल होने से पहले प्रियंका ने केंद्र की भााजपा सरकार को पेट्रोलियम पदार्थोँ की बढ़ती कीमतों पर घेरा। उन्होंने कहा, 'भाजपा सरकार को सप्ताह के उस दिन का नाम 'अच्छा दिन' कर देना चाहिए, जिस दिन डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी न हो क्योंकि महंगाई की मार के चलते बाकी दिन तो आमजनों के लिए 'महंगे दिन' हैं।
भाजपा सरकार को सप्ताह के उस दिन का नाम 'अच्छा दिन' कर देना चाहिए जिस दिन डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी न हो।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 20, 2021
क्योंकि महंगाई की मार के चलते बाकी दिन तो आमजनों के लिए 'महंगे दिन' हैं। pic.twitter.com/JmssmGR5d2
उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी ने जिस तरह से कृषि कानूनों के खिलाफ केंद्र की मोदी सरकार को घेरना शुरू किया है, उससे पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर नए उत्साह का संचार हुआ है। कांग्रेस महासचिव ने 15 फरवरी को बिजनौर और 10 फरवरी को सहारनपुर के चिलकाना में किसान पंचायत की थी, जिसमें भारी भीड़ उमड़ी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने 11 फरवरी को मौनी अमावस्या पर प्रयागराज जाकर संगम में डुबकी लगाई। उनके इस दौरे के पीछे भी एक राजनीतिक संदेश छिपा था। यूपी कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुजफ्फरनगर महापंचायत की सारी व्यवस्थाओं का जायजा स्वयं लिया ताकि कहीं कोई अव्यवस्था न हो।
कांग्रेस महासचिव को 19 फरवरी को मथुरा में होने वाली किसान पंचायत में भी हिस्सा लेना था, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कैप्टन सतीश शर्मा के निधन के चलते उन्होंने यह दौरा टाल दिया था। प्रदेश कांग्रेस का कहना है कि जल्द ही मथुरा में भी किसान पंचायत का कार्यक्रम तय कर इसकी जानकारी साझा की जाएगी।