लखनऊ में राजनाथ सिंह ने महंगाई को बड़ी चुनौती बताया, बोले- नेता जनता को गुमराह करने वाले बयान न दें

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज लखनऊ के गोमतीनगर जनकल्याण समिति के वार्षिक समारोह को संबोधित किया। इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और विधायक आशुतोष टंडन गोपल मौजूद रहे।;

Update: 2022-05-15 13:24 GMT

देश के केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अपने ससंदीय क्षेत्र लखनऊ (Lucknow) में आज रविवार को गोमतीनगर जनकल्याण समिति के वार्षिक समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने जहां रूस-यूक्रेन वॉर (Russia-Ukraine War) में भारत की भूमिका को सराहा तो वहीं बढ़ती महंगाई (Inflation) से निपटने के लिए देशवासियों से मिलकर लड़ने का आह्वान किया। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Deputy CM Brajesh Pathak) और विधायक आशुतोष टंडन गोपाल (MLA Ashutosh Tandon Gopal JI) कार्यक्रम में मौजूद रहे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल गोमतीनगर एक्सटेंशन ब्रांच के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि देश में महंगाई चुनौती बन गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयासरत हैं और महंगाई को अधिक बढ़ने नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि महंगाई एक बड़ी समस्या है, जिस पर नियंत्रण पाने के लिए सभी देशवासियों को एक साथ मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने बताया कि पहले कोविड महामारी और अब रूस-यूक्रेन के बीच जंग से महंगाई बढ़ी है। हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी मजबूत है। 

राजनाथ सिंह ने रूस और यूक्रेन वॉर पर कहा कि भारत ने अमेरिका के साथ अपनी 2+2 वार्ता के दौरान यूक्रेन-रूस संकट के प्रति अपने संतुलित दृष्टिकोण पर चर्चा की उम्मीद थी, लेकिन अमेरिका की ओर से कोई विरोध नहीं हुआ। हम सभी के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत की रक्षा क्षमता बढ़ी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सैन्य उपकरण खरीदने के लिए 85 हजार करोड़ का बड़ा बजट रखा है। इसमें भी 68 प्रतिशत भारत की सरकारी और प्राइवेट कंपनी के लिए होगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिस्टम को बदलकर भ्रटाचार कम किया है। भारत आज ताकतवर देशों की कतार में है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को ऐसी राजनीति नहीं करनी चाहिए, जिससे जनता में सरकारों के प्रति विश्वास समाप्त हो जाए। उन्होंने कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान मैंने कभी आश्वासन नहीं दिया। राजनेताओं के शब्दों और कार्यों में अंतर से भारतीय राजनीति और राजनेताओं में लोगों का विश्वास पहले की तुलना में कम हो गया है। उन्होंने कहा कि हर कोई जो राजनीति में है, मैं उनसे इस अविश्वास को रोकने का अनुरोध करता हूं। 

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