Azam Khan फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी करार, बेटे और पत्नी समेत तीनों को 7-7 साल की सजा

Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनके परिवार को कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ दो जन्म प्रमाणपत्र मामले में खान परिवार दोषी करार हुआ है। जिसके बाद आजम खान, बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तंजीन फातिमा को सात-सात साल की सजा सुनाई है।;

Update: 2023-10-18 09:24 GMT

Abdullah Azam Fake Birth Certificates Case: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, उत्तर प्रदेश के रामपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए अदालत ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को दोषी ठहराया। कोर्ट ने तीनों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 15 हजार का जुर्माना भी लगाया है। दोषी ठहराए जाने के बाद पुलिस ने तीनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला अब्दुल्ला आजम खान के दोहरे जन्म प्रमाणपत्र मामले से जुड़ा है।

अब्दुल्ला आजम खान पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट प्राप्त करने और विदेशी दौरे करने और सरकार से संबंधित उद्देश्यों के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का उपयोग करने का आरोप है। दोनों प्रमाणपत्र फर्जी तरीके से और पूर्व नियोजित साजिश के तहत जारी किए गए थे।

2017 विधानसभा चुनाव से जुड़ा है मामला

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेक बर्थ सर्टिफिकेट का मामला 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। 2017 में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने जीत भी दर्ज की थी, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद उनके विरोधी प्रत्याशी नवाब काजिम अली इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंच गए थे। काजिम ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फॉर्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है। काजिम ने दावा किया था कि अब्दुल्ला आजम विधायक का चुनाव लड़ने की उम्र का पैमाना पूरा नहीं करते हैं।

शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी, 1993 है, जबकि जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को बताया गया है। हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाण पत्र को फर्जी पाया गया था। इसके बाद उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई थी। अब इस मामले में ही कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए पिता-माता समेत तीनों को सात-सात साल की सजा सुनाई है।

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