कानपुर में रेप पीड़िता ने आरोपी को बताया निर्दोष, कोर्ट ने उसे दोषी करार देकर सुना दी सात साल की सजा
कानपुर के चौबेपुरा कलां निवासी संजय सोनी उर्फ अमित पर नाबालिग का अपहरण करके रेप करने का आरोप था। पीड़िता और उसके पिता ने उसे बेकसूर बताया, लेकिन कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना। पढ़िये पूरी रिपोर्ट...;
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां रेप पीड़िता ने कोर्ट के समक्ष बताया कि आरोपी निर्दोष है और उसके बेटे का पिता है। ऐसे में उसे रिहा किया जाए। खास बात है कि पीड़िता के पिता ने भी आरोप वापस लेने की गुहार लगाई। बावजूद इसके कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देकर सात साल की सजा सुना दी। कोर्ट ने माना कि जिस वक्त यह घटना हुई, उस वक्त पीड़िता नााबलिग थी, लिहाजा आरोपी को रिहा नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने आरोपी को दोषी करार देकर सात साल की सजा सुनाने के साथ ही उस पर 4500 रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो भावना गुप्ता ने बताया कि पीड़िता के पिता ने 25 जून 2018 को बिठूर थाने में केस दर्ज कराया था। शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसकी 15 साल की बेटी सहजौरा गांव बारात में जा रही थी। इस दौरान वो संदिग्ध हालात में लापता हो गई।
उसने आशंका जताई थी कि चौबेपुरा कलां निवासी संजय सोनी उर्फ अमित उसका अपहरण करके ले गया है। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर संजय सोनी उर्फ अमित के खिलाफ संबंधित धाराओं और पाक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने संजय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद आरोपी के खिलाफ चार्जशीट बनाकर कोर्ट के समक्ष पेश की। मामले की सुनवाई चल रही थी।
इस बीच पीड़िता और उसके पिता अपने बयानों से मुकर गए। पीड़िता ने गवाही में कहा कि वह अपनी मर्जी से संजय के साथ गई और संबंध भी बनाए थे। दोनों ने मंदिर में शादी की और अब उनका एक बेटा भी है। ऐसे में उसके पति को रिहा कर देना चाहिए। उधर, पीड़िता का पिता भी अपने पूर्व के बयानों से मुकर गया। दोनों पक्षों के बयानों के मुकर जाने पर भी कोर्ट ने उनके ताजा बयानों को नहीं माना। कोर्ट ने माना कि जिस समय यह वारदात हुई, उस समय पीड़िता नाबालिग थी, लिहाजा नाबालिग की सहमति का कोई महत्व नहीं है।
कोर्ट ने संजय सोनी उर्फ अमित को दोषी करार देकर सात साल की सजा सुना दी। साथ ही 4500 रुपये का आर्थिक दंड लगाया। फैसला आते ही संजय सोनी को हिरासत में जेल भेज दिया गया। उधर, संजय के जेल जाते ही उसकी पत्नी बिलख कर रोने लगी। उसने बताया कि संजय गिरफ्तारी के डेढ़ साल बाद जमानत पर रिहा होकर आया था। उसने शादी करने का प्रस्ताव किया, जिसके बाद परिजनों की सहमति से शादी कर ली। तब से दोनों पति-पत्नी की तरह रह रहे थे। अब उसे और उसके बच्चे को संजय के लौटने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।