दिल्ली-एनसीआर के मूक-बधिरों को आतंकी बनाने की थी तैयारी, फॉर्मूला सफल रहता तो पूरे देश में करते आतंक की खेती, जानिये चौंकाने वाले खुलासे
एटीएस को पूछताछ से यह भी पता चला है कि इस रैकेट के निशाने पर वो मूक-बधिर भी थे, जो कि मल्टी नेशनल कंपनियों समेत प्रतिष्ठित स्थानों पर काम कर रहे हैं।;
उत्तर प्रदेश में एक हजार से अधिक लोगों का धर्मांतरण कराने के दोनों आरोपियों ने एटीएस की पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। पूछताछ में सामने आया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के शह पर ही आतंकी संगठनों ने धर्मांतरण रैकेट चलाने में फंडिंग की। आईएसआई पहले चरण में दिल्ली-एनसीआर के मूक-बधिरों का धर्मांतरण कर आतंकी बनाने की तैयारी में थी। इसके बाद यह फॉर्मूला पूरे देश के मूक-बधिर स्कूलों और ट्रेनिंग सेंटर पर अप्लाई करने का था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईएसआई केवल नोएडा ही नहीं, बल्कि दिल्ली-एनसीआर के छह से अधिक मूक-बधिर स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर में आतंकी पाठशाला चलाने की साजिश रच रहा थी। इसकी जिम्मेदारी मौलाना उमर गौतम को सौंपी गई थी, जो कि अभी एटीएस के रिमांड पर है। पूछताछ से यह भी पता चला है कि इस रैकेट के निशाने पर वो मूक-बधिर भी थे, जो कि प्रतिष्ठित स्थानों पर काम कर रहे हैं।
एटीएस नोएडा डेफ सोसायटी स्कूल के संदिग्ध पूर्व टीचर और कर्मचारी की तलाश में जुटी है। एटीएस को उम्मीद है कि उनकी गिरफ्तारी होने से कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। इसके साथ ही एटीएस नोएडा डेफ सोसाइटी की संचालिका रूमा रोका से भी पूछताछ कर रही है। एटीएस नोएडा डेफ सोसायटी से निकले मूक-बधिरों के डेटा का भी मिलान कर रही है ताकि पता लगाया जा सके कि कौन सा बच्चा कहां पर है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश एटीएस ने धर्मांतरण मामले में आरोपी मोहम्मद उमर गौतम तथा मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार किया था। अदालत ने 22 जून को दोनों को एटीएस के रिमांड पर भेजने की मंजूरी दे दी थी। पूछताछ में एटीएस को पता चला कि धर्मांतरण रैकेट के तार देश के कई राज्यों से जुड़े हैं। वहीं इसमें विदेशी फंडिंग के भी सबूत मिले थे, जिसमें पाकिस्तान समेत कई गल्फ देशों का नाम सामने आया है।