एंबुलेंस न मिलने पर बेटे ने मां को ठेले पर लादा, 4 किलोमीटर तक लगाया धक्का फिर भी नहीं बची मां
जलालाबाद कस्बा निवासी 65 वर्षीय मां बीना देवी के पेट में अचानक दर्द उठा था। बीना के बेटे ने एंबुलेंस के लिए कॉल की। देर तक जब एंबलेंस नहीं पहुंची तो बेटा अपनी मां को ठेले पर लिटाकर अस्पताल की ओर चल दिया। पढ़िये आगे क्या हुआ...;
उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में बहहाल स्वास्थ्य सेवाओं (Poor Health Services) की तस्वीरें आए दिन सामने आ जाती हैं। विपक्ष इन तस्वीरों का हवाला देकर सत्ता पर निशाना साधता है तो वहीं सत्ता पक्ष अधिकारियों पर जिम्मेदारी डालकर कार्रवाई कर देती है। यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार नहीं आ रहा। ऐसा ही एक मामला शाहजहांपुर (Shahjahanpur) से सामने आया है, जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां एंबुलेंस न मिलने पर एक बेटे ने अपनी मां की जान बचाने के लिए उसे ठेले पर लादकर चार किलोमीटर तक धक्का लगाया। बावजूद इसके वो अपनी मां की जान नहीं बचा सका। अब सिवाए व्यवस्था को कोसने के अलावा उसके पास कुछ नहीं बचा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जलालाबाद कस्बा निवासी दिनेश कुमार ने बताया कि बुधवार को उसकी 65 वर्षीय मां बीना देवी के पेट में अचानक दर्द उठा था। उन्हें दर्द से तड़पता देख एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर फोन किया। काफी समय बाद तक जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो उसने अपनी मां को ठेले पर लिटाया और धक्का मारता हुआ अस्पताल की ओर निकल पड़ा। करीब चार किलोमीटर धक्का लगाने के बाद सरकारी अस्पताल पहुंचा, लेकिन वहां डॉक्टरों ने मेरी मां को मृत घोषित कर दिया।
दिनेश ने बताया कि चिकित्सकों ने मुझसे कहा कि मेरी मां की पहले ही मौत हो चुकी थी। अगर समय से लाते तो शायद जान बच सकती थी। जलालाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. अमित यादव ने बताया कि कोई शख्स किसी महिला को ठेले पर लाया है तो वो तुरंत मौके पर पहुंचे और जांच की। उन्होंने कहा कि उनकी मौत हो चुकी थी। उन्होंने भी यही दोहराया कि अगर समय रहते महिला को लाया होता तो शायद जान बच सकती थी। हालांकि एंबुलेंस न मिलने के सवाल पर उन्होंने कोई भी प्रतिक्रिया देने में असमर्थता जताई।