सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कोरोना प्रबंधन के दावों को बताया खोखला, सीएम योगी पर लगाए गंभीर आरोप
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करने के साथ ही एक बयान भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।;
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा कोरोना प्रबंधन को लेकर किए जा रहे दावों को खोखला बताया है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि प्रदेश में कोरोना महामारी गांवों तक फैल चुकी है, लेकिन सरकार अभी भी आंकड़ों को छिपाने और विज्ञापन में व्यस्त है। यही नहीं, उन्होंने अमेठी पंचायत चुनाव को लेकर भी सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट में लिखा, 'जैसा शासन, वैसा प्रशासन! उप्र के अमेठी में प्रशासन द्वारा कुछ दिनों बाद चुनाव परिणाम ये कहते हुए बदल दिया गया कि गलती से दूसरे वार्ड के वोट गिन लिए गए थे, घोर कलियुग है।' उन्होंने आगे लिखा, 'भाजपा सरकार से जनता कह रही है कर लो जितनी गलती करनी है, लेकिन अब 2022 में हम गलती नहीं करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव ने एक बयान भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कोरोना कुप्रबंधन को लेकर योगी सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना कुप्रबंधन जानलेवा साबित हो रहा है। यह महामारी गांवों तक पहुंच गई है, लेकिन सरकार और सारा तंत्र सच्चाई को छिपाने में लगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले के मुकाबले कोरोना जांच कम करके संक्रमण से हो रही मौतों को छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।
अखिलेश ने कोरोना संक्रमण फैलने के पीछे सीएम योगी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि जिस समय प्रदेश में यह महामारी फैल रही थी, उस वक्त मुख्यमंत्री स्टार प्रचारक बनकर दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार कर रहे थे। अगर समय रहते प्रदेश सरकार ने चिकित्सा व्यवस्था पर ध्यान दिया होता तो गांवों तक यह संक्रमण नहीं फैलता और न ही इतनी ज्यादा संख्या में मौतें होतीं।
बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने बीते शनिवार ही दावा किया था कि प्रदेश में एक मई के बाद से कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या में 60 हजार तक की कमी आई है। रोजाना नए मिलने वाले मरीज भी कम हुए हैं और अब मौतों की संख्या में भी कमी आ रही है। उन्होंने तमाम आंकड़े सामने रखते हुए कहा था कि प्रदेश में ऑक्सीजन और दवाइयों की कोई किल्लत नहीं है और पंचायत चुनाव के बाद कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी होने की तमाम आशंकाएं भी कोरोना प्रबंधन के चलते गलत साबित हुई हैं।