UP के सबसे बड़े घोटाले मामले में SC का फैसला, दिल्ली-यूपी की 119 FIR का किया एक में ही विलय

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 42,000 करोड़ रुपये के अब तक के सबसे बड़े बाइक बोट घोटाले के दो आरोपी सत्येंद्र सिंह भसीन (Satyendra Singh Bhasin) उर्फ मोंटू भसीन और दिनेश पांडे (Dinesh Pandey) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है।;

Update: 2022-05-22 15:51 GMT

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 42,000 करोड़ रुपये के अब तक के सबसे बड़े बाइक बोट घोटाले के दो आरोपी सत्येंद्र सिंह भसीन (Satyendra Singh Bhasin) उर्फ मोंटू भसीन और दिनेश पांडे (Dinesh Pandey) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को अपने फैसले में बाइक बोट मामले (Bike boat case) में दर्ज सभी प्राथमिकी को एक मुख्य प्राथमिकी में समेकित और विलय कर दिया है।

इस घोटाले में उत्तर प्रदेश में 118 और दिल्ली में एक प्राथमिकी दर्ज (FIR registered) है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद अब इन सभी एफआईआर को पहली दर्ज एफआईआर नंबर 206/2019 पीएस-दादरी, जिला- गौतमबुद्ध नगर, यूपी में मिला दिया गया है। अब सभी दर्ज एफआईआर (FIR) की सुनवाई एक ही कोर्ट में होगी। अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने कहा कि एक शिकायत की प्रकृति और सभी प्राथमिकी होने के कारण कार्यों की बहुलता व्यापक जनहित में नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला अनुच्छेद 142 के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए लिया। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के सामने बाइक बोट घोटाले के आरोपी सत्येंद्र सिंह भसीन उर्फ मोंटू और दिनेश पांडेय को 2020-21 में सभी एफआईआर में नियमित जमानत दी गई थी।

यह जमानत इस आधार पर दी गई कि दोनों आरोपियों का नाम न तो एफआईआर (FIR) में था और न ही मैसर्स गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (Proud Innovative Promoters Ltd) के निदेशकों, पदाधिकारियों या प्रबंधकों की सूची में, जिनके द्वारा बाइक-बोट योजना शुरू की गई थी। आपको बता दें कि सतेंद्र भसीन उर्फ मोंटू ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन 'ग्रैंड वेनिस मॉल' (Grand Venice Mall) के मालिक हैं। घोटाले में फंसने के बाद से यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है।

ये हैं मामला

संजय भाटी ने 2010 में गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड (Proud Innovative Promoters Ltd) के नाम से कंपनी बनाई थी। इसके बाद 2018 में बाइक बोट योजना की शुरुआत की गई। योजना के तहत बाइक टैक्सी की शुरुआत की गई। इसके तहत एक व्यक्ति से 62,200 रुपये का एकमुश्त निवेश किया गया। इसके बदले में 1 साल के लिए 9,765 रुपये का वादा किया गया था।

निवेश करने वाले लोगों का आरोप है कि उन्हें पैसा नहीं दिया गया हैं। बाद में जब संचालक फरार हुआ तो लोगों ने मामले दर्ज करना शुरू कर दिया। संजय भाटी व अन्य आरोपियों पर बाइक बोट योजना में निवेश कर लाखों लोगों को मोटी रकम का लालच देकर ठगने का आरोप है। इस कंपनी के नाम पर लोगों को बाइक टैक्सियों (Bike Taxis) में निवेश करने की पेशकश की गई थी।

इसके तहत 42,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की गई और फिर सभी आरोपी फरार हो गए। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी संजय भाटी और बीएन तिवारी समेत कुल 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, जिनमें से 2 आरोपी मोंटी भसीन और दिनेश पांडे को जमानत मिल चुकी है। अन्य 24 आरोपी गौतमबुद्धनगर जेल (BudhNagar Jail) में बंद हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय भाटी की पत्नी दीप्ति बहल समेत 4 अन्य अभी भी फरार हैं। बिजेंद्र हुड्डा फिलहाल भारत से बाहर हैं। इसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है।

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