कुत्ते की मौत पर हुई तेरहवीं, रीति-रिवाज से हुआ था अंतिम संस्कार, जानिये मालिक और कालू की कहानी
जनपद के पूंछ कस्बे में कालू नाम के कुत्ते की मौत पर तेरहवीं भोज का आयोजन किया गया। शनिवार शाम कस्बे में स्थित एक विवाह घर में आयोजित इस भोज में करीब चार सौ से पांच सौ लोगों ने हिस्सा लिया।;
उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के झांसी (Jhansi) जिले में एक कुत्ते की मौत के बाद उसके शव का रीति—रिवाज के साथ अंतिम संस्कार (Funeral) किया गया। अब तेरहवीं पर भोज का भी आयोजन किया गया। पूंछ कस्बे के रहने वाले लाखन सिंह यादव ने अपने कालू नाम के कुत्ते की मौत पर भोज का आयोजन किया। इस भोज में 400 से 500 लोग शामिल हुए। भोज के दौरान भी पूरे रिवाज निभाए गए। तेरहवीं का पूरा मामला एरिया में चर्चा का विषय बना हुआ है।
लाखन सिंह ने बताया कि 13वें दिन पहले कालू की मौत हो गई। रीति-रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने बताया कि कुत्ते को 2001 में लेकर आए थे। उन्होंने बताया कि कालू के रहते हुए उनके यहां कभी चोरी की घटना नहीं हुई। साथ ही चौकीदारी रखने की भी जरुरत नहीं पड़ी। कई बार चोरी का प्रयास हुआ। उन्होंने बताया कि उसे कुत्ते ने नाकाम कर दिया। उन्होंने बताया कि आस—पास आने से भी लोग डरते थे। कोई वहां भटकने की हिम्मत नहीं जुटा पाता था।
लाखन सिंह यादव ने बताया कि उसे बचपन से पाला और वह परिवार के सदस्य था। मर्जी के बगैर कोई व्यक्ति परिसर में नहीं आ पाता था। उन्होंने बताया कि कालू की तेरहवीं पर आस—पास एरिया के लोग शामिल हुए थे। इस दौरान लोगों को भोज कराया गया। उन्होंने बताया कि मनुष्य की मौत पर होने वाले सभी कर्मकांड कराए गए। इस भोज की पूरे जनपद में चर्चा है। हालांकि, लोगों का कहना है कि कालू का मालिक भी उसे बहुत प्यार करता था।