Unnao Judge Advocate विवाद में नया मोड़, एडीजे की 'वीआरएस वाली चिट्ठी' वायरल होने के बाद 30 वकीलों समेत 200 पर केस दर्ज
विशेष न्यायाधीश ने पुलिस का दी शिकायत में आरोप लगाया है कि अधिवक्ताओं ने न्यायालय कक्ष में घुसकर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। उनका मोबाइल छीन लिया गया और उनके ऊपर कोर्ट रूम का फर्नीचर भी फेंका गया।;
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के उन्नाव (Unnao) में कोर्ट रूम के भीतर पीटने, मोबाइल छीनने जैसे आरोप लगाने वाले विशेष न्यायाधीश प्रहलाद टंडन (ADJ Prahlad Tandon) ने राज्यपाल और हाईकोर्ट को चिट्ठी भेजकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) मांग ली है। सोशल मीडिया पर उनकी यह चिट्ठी वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस ने आनन-फानन में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत 200 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों में 30 नामजद वकील हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनंतराम बनाम उत्तर प्रदेश सरकार पाक्सो एक्ट के मामले में जमानत प्रपत्र 626/2021 को विशेष न्यायाधीश ने 23 मार्च को खारिज कर दिया था, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ। बार अध्यक्ष राम शंकर यादव की अगुवाई में अधिवक्ताओं ने विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रहलाद टंडन की कोर्ट के बाहर घेराव किया। विशेष न्यायाधीश ने पुलिस का दी शिकायत में आरोप लगाया है कि अधिवक्ताओं ने न्यायालय कक्ष में घुसकर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ मारपीट की। उनका मोबाइल छीन लिया गया और उनके ऊपर कुर्सी मेज भी फेंके गए। पुलिस ने शिकायत तो ले ली, लेकिन मामला दर्ज करने की बजाय आला अधिकारियों के आदेश का इंतजार करते रहे।
इसी बीच विशेष न्यायाधीश प्रहलाद टंडन की वीआरएस की मांग वाली चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत 200 से अधिक लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया। इनमें 30 नामजद वकील शामिल हैं।
वीआरएस लेने का यह कारण बताया
विशेष न्यायाधीश प्रहलाद टंडन ने अपने पत्र में वीआरएस लेने के पीछे परिवारिक कारणों का हवाला दिया है। लेकिन माना जा रहा है कि उन्होंने वीआरएस लेने का फैसला वकीलों के साथ हुए विवाद और पुलिस कार्रवाई न होने से आहत होकर लिया है। बहरहाल, पुलिस ने इस मामले में सरकारी काम में बाधा, जान से मारने की धमकी, गाली गलौज, लूट, संपत्ति को क्षति पहुंचाने के अलावा सात आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया है।
हम लड़ेंगे कानूनी लड़ाई
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बार एसोसिएशन अध्यक्ष राम शंकर यादव ने भी कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने जिला न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को बुलाकर जो भी विवाद था, उसका निस्तारण करा दिया था। हमारा कोई विवाद नहीं है। वकीलों ने शुक्रवार को आम दिनों की तरह ही काम किया। अगर अब हमारे खिलाफ मुकद्दमा दर्ज हुआ है तो हम भी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।