UP Assembly Elections: डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट से गरमाई यूपी की सियासत, विपक्ष दल हुआ हमलावर
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव होने के लिए कुछ महीने बचे है। इसी के मद्देनजर चुनाव में अब कृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi) की एंट्री हो गई है।;
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव होने के लिए कुछ महीने बचे है। इसी के मद्देनजर चुनाव में अब कृष्ण जन्मभूमि (Krishna Janmabhoomi) की एंट्री हो गई है। बुधवार को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के ट्वीट से सियासी हलचल तेज हो गई है।
मौर्य ने अपने ट्वीट में लिखा है काशी और अयोध्या (Ayodhya) में भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। मथुरा तैयार है। जयश्री राम, जय शिवशंभु, जय राधे कृष्ण। हालांकि यूपी सरकार (UP Government) में ही कैबिनेट मंत्री स्वामीप्रसाद मौर्य (Swamiprasad Maurya) ने कुछ अलग ही लहजा दिया है। उन्होंने कहा- अयोध्या, काशी और मथुरा कभी चुनाव का मुद्दा नहीं थे, न आज हैं और न ही भविष्य में होंगे।
प्रधानमंत्री हमेशा विकास की बात करते हैं। वही इसी कड़ी में विपक्षी दल अब केशव प्रसाद मौर्य के ट्वीट को लेकर हमलावर हैं। हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने के आरोप के साथ यह सवाल भी पूछा गया है कि बीजेपी (BJP) चुनाव से पहले ही भगवान को क्यों याद करती है? सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी को किसी नारे या मंत्र से मदद नहीं मिलेगी।
वही कौशांबी में बसपा (BSP) के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मौर्य पर तंज कसते हुए कहा कि जनता ने उनका असली चेहरा पहचान लिया है. अगर मौर्य को लगता है कि वो ध्रुवीकरण कर देंगे तो ये सबसे बड़ी भूल है।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, बीजेपी के पास कोई मुद्दा नहीं है और चुनाव में हार देख रही है, तो वह जाति और धर्म के अपने पुराने मुद्दे पर लौट आई है।
कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "चुनाव नजदीक आ कर बीजेपी अयोध्या में मंदिर निर्माण का श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, जबकि मंदिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर बन रहा है और इसका सभी ने स्वागत किया. आप (Aam Aadmi Party) नेता संजय सिंह ने कहा, ये लोग सिर्फ मंदिर के नाम पर राजनीति करते हैं. अयोध्या में मंदिर का दान खाया गया और मंदिर भी नहीं बना, यह केवल राजनीतिक बयानबाजी है।
मस्जिद को लेकर ये है बबाल
जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था, वहां पहले एक जेल था। कृष्ण जन्मभूमि मंदिर 80-57 ईसा पूर्व बनाया गया था। दूसरा मंदिर 800 में विक्रमादित्य की अवधि के दौरान बनाया गया था। 1017-18 ई. में महमूद गजनवी ने मंदिर को नष्ट कर दिया। 1150 ई. में महाराजा विजयपाल ने मंदिर का पुनः निर्माण करवाया। फिर 16वीं शताब्दी में सिकंदर लोदी ने मंदिर को फिर से नष्ट कर दिया। इसके बाद ओरछा के शासक ने फिर से एक विशाल मंदिर बनवाया। वहीं 1669 में औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ा और ईदगाह मस्जिद का निर्माण कराया।
कोर्ट में चल रह केस
बता दें कि कृष्ण जन्मभूमि से सटी ईदगाह मस्जिद का मामला कोर्ट में है, क्योंकि इसकी जमीन पर हिंदू पक्ष ने दावा किया था। लेकिन अभी 6 दिसंबर की अफवाह और माहौल खराब करने की कोशिश को लेकर मथुरा में तनाव का माहौल है। इसलिए मंदिर परिसर से लेकर सोशल मीडिया पर पुलिस प्रशासन की कड़ी नजर है।