UP चुनाव से पहले कांग्रेस में आंतरिक कलह, EC से मिले प्रतिनिधिमंडल को अजय कुमार लल्लू ने बताया अनाधिकृत
2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने है। तो वही यूपी कांग्रेस (UP Congress) में चुनाव से पहले आंतरिक कलह (Internal Discord) सार्वजनिक हो गयी है।;
2022 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) होने है। तो वही यूपी कांग्रेस (UP Congress) में चुनाव से पहले आंतरिक कलह (Internal Discord) सार्वजनिक हो गयी है। इसी बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' (Ajay Kumar 'Lallu,) ने मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) के साथ बैठक करने वाले कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल (Congress Delegation) को अनधिकृत करार दिया है।
उन्होंने सीईसी (CEC) को पत्र लिखकर राज्य कांग्रेस के अधिकृत प्रतिनिधिमंडल (Authorized Delegation) से मिलने के लिए गुरुवार को समय मांगा है। मंगलवार को सीईसी से मिले प्रतिनिधिमंडल के सदस्य ओंकारनाथ सिंह (Omkarnath Singh) ने विकास पर नाराजगी और आपत्ति व्यक्त करते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है।
उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ( Priyanka Gandhi Vadra) को पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी भी दी है। कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार 'लल्लू' ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे पत्र में बताया है कि मंगलवार को उनसे मिलने वाला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल (Congress Delegation) अधिकृत नहीं था।
पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधिमंडल, जिसमें पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी, कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा और पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी शामिल हैं, को गुरुवार को सीईसी से मिलने का अनुरोध किया गया है। लल्लू द्वारा अपने ट्विटर हैंडल से यह पत्र ट्वीट करने से नाराज ओंकारनाथ ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) को लिखे पत्र में ओंकारनाथ (Omkarnath Singh) ने बताया है कि उन्हें राज्य कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष सतीश अजमानी ने सीईसी के साथ बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत किया था।
पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि सीईसी को सौंपे जाने वाले पत्र का ड्राफ्ट उन्होंने अजमानी को दिखाया भी था। अजमानी की ओर से इसमें कुछ संशोधन किये गए थे। संशोधित पत्र को ही उन्होंने निर्वाचन आयोग को सौंपा था। यह भी ध्यान देने योग्य है कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के नाम, जिन्हें लल्लू द्वारा अनधिकृत बताया गया है, राज्य कांग्रेस कार्यालय (Congress Office) की ओर से चुनाव आयोग को भेजे गए थे।
राज्य कांग्रेस महासचिव संगठन दिनेश सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सीईसी (CEC) के साथ बैठक में पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान देंगे। इसे एक बहुत ही सामान्य बैठक मानकर इन लोगों को वहां भेजा गया था। पार्टी के भीतर चर्चा है कि कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह और महिला मैराथन की तैयारियों में वरिष्ठ नेताओं की व्यस्तता के कारण बैठक का महत्व समझ में नहीं आया, जिसका समापन इस घटनाक्रम में हुआ।