सीएम योगी ने उज्जवला योजना 2.0 के लाभार्थियों को बांटे निशुक्ल एलपीजी कनेक्शन, विपक्ष के लिए कही यह बात

लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने उज्जवला योजना के लाभार्थियों से वर्चुअली बातचीत भी की।;

Update: 2021-08-25 07:17 GMT

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PM Ujjwala Yojana) के द्वितीय चरण (Second phase) का आज यूपी में औपचारिक शुभारंभ किया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में इस योजना के लाभार्थियों को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन (LPG Connection) बांटे। इस दौरान उन्होंने लाभार्थियों से वर्चुअली बातचीत भी की। उज्जवला योजना के द्वितीय चरण में उन प्रवासी मजदूरों को निशुल्क एलपीजी कनेक्शन का लाभ दिया जा रहा है, जो किसी कारणवश पहले चरण में इससे वंचित रह गए थे।

इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि खाना समय पर बने इसकी चिंता तो सभी को होती, लेकिन खाना कैसे बने, इसकी चिंता सिर्फ और सिर्फ महिलाओं को होती है। देश में आठ करोड़ ऐसे परिवार थे, जिनके पास रसोई गैस का सिलेंडर नहीं था। महिलाएं लकड़ी पर, कोयले पर, गोबर के उपलों पर या ऐसे किसी अन्य साधन पर निर्भर होकर अपनी रसोई की व्यवस्था करने को मजबूर थी, जो सुरक्षित भी नहीं थी और स्वस्थ भी नहीं थी। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस रक्षक कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम निरंतर सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। यूपी में इस योजना के लिए लाभार्थियों को चिह्निंत किया जा रहा है और उन्हें निशुल्क गैस सिलेंडर उपलब्ध कराने का काम चल रहा है। सीएम ने विपक्ष पर निशाना साधे बगैर कहा कि अगर सरकार की इच्छा शक्ति हो तो लोगों को योजनाओं का तेजी से लाभ मिलता है। उन्होंने उज्जवला योजना के लाभार्थियों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त किया। 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के प्रथम चरण के तहत देश के आठ करोड़ से अधिक परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस प्रदान की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां 1.47 करोड़ परिवार लाभान्वित हुए हैं। यूपी इस योजना के तहत सर्वाधिक लोगों को लाभ प्रदान करने वाले राज्यों में अग्रणी स्थान पर है।   

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीती 10 अगस्त को देश में उज्जवला 2.0 की शुरुआत की थी। इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। तब लक्ष्य रखा गया था कि योजना के तहत पांच करोड़ कनेक्शन दिए जाएंगे, लेकिन बाद में इस बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया गया था। इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को परंपरागत चूल्हे से मुक्ति दिलाना है ताकि स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से निजात मिलने के साथ ही उनकी दिनचर्या आसान हो जाए। 

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