प्रियंका गांधी के निर्देश पर प्रयागराज में 'आक्रोशित' ग्रामीणों के बीच पहुंचा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, देखिये फिर क्या हुआ...
प्रयागराज का बसवार गांव वही गांव है, जहां पर कुछ दिन पहले आक्रोशित ग्रामीणों ने निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद और उनके समर्थकों को दौड़ा-दौड़ाकर भगाया था। ग्रामीणों ने चेतावनी दी थी कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, वे किसी नेता या अधिकारी को गांव में घुसने नहीं देंगे। ग्रामीणों को जब पता चला कि कांग्रेस के कुछ नेता मिलने आए हैं तो उन्होंने....;
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रयागराज के बसवार गांव पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की। ये वही गांव है, जहां के आक्रोशित लोगों ने कुछ दिन पहले निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अन्य नेताओं को दौड़ा दौड़ाकर भगाया था। प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से प्रदेश महासचिव एवं प्रभारी मकसूद खान, प्रदेश सचिव प्रभारी प्रयागराज भदोही उज्जवल शुक्ला, पिछड़ा प्रकोष्ठ प्रदेश सचिव देवेंद्र निषाद, गंगापार जिला अध्यक्ष सुरेश यादव, यमुनापार जिला अध्यक्ष अरुण तिवारी, शहर अध्यक्ष नफीस अनवर शामिल रहे।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले गांव का दौरा किया और पुलिस कार्रवाई के दौरान हुए नुकसान का जायजा लिया। इसके बाद ग्रामीणों से मिलकर उन्हें भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनके साथ है और सभी को न्याय दिलाया जाएगा।
बता दें कि बसवार वही गांव है, जहां मजदूरों के जख्मों पर मरहम लगाने पहुंचे निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद और उनके समर्थकों ने दौड़ा-दौड़कर भगाया था। डॉक्टर संजय निषाद भी इन्हीं लोगों से मिलने आए थे, लेकिन उन पर हमला कर दिया गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने उनके समर्थकों के साथ भी हाथापाई की थी। सुरक्षाकर्मियों को पूरे घटनाक्रम के दौरान संजय निषाद को सुरक्षित निकालने के लिए खासी जद्दोजहद करनी पड़ी।
इस घटनाक्रम के बाद डॉक्टर संजय निषाद ने अपने समर्थकों के साथ मामा भांजा बाजार में प्रयागराज-रीवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन उनकी किसी भी बात को मानने से इनकार कर दिया गया। करीब आधे घंटे बाद एसडीएम विनोद कुमार ने उनकी वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बात कराई। वरिष्ठ अधिकारियों से मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा मिलने के बाद निषाद समर्थकों ने जाम खोला था।
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इसलिए मचा था बवाल
प्रयागराज जिला प्रशासन को सूचना थी कि नैनी क्षेत्र के मोहब्बतगंज ठाकुरी का पुरवा गांव के कछार में बालू खनन किया जा रहा है। इस पर जिला प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची, जहां उनका भूमाफियाओं से सामना हो गया। पुलिस ने जब बालू को जेसीबी की मदद से नदी में फेंकना शुरू किया तो बालू माफियाओं ने पथराव करा दिया। इस पर पुलिस की ओर से भी लाठीचार्ज किया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ना तो किसी नेता को गांव में आने दिया जाएगा और न ही प्रशासनिक अधिकारी को। उनका आरोप था कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को पीटा है और कई नाविकों की नाव तोड़ दी है।