यूपी में कोरोना संक्रमित भाई को कंधे पर लादकर अस्पताल तक दौड़ा युवक, फिर भी नहीं किया एडमिट, वजह चौंकाने वाली
गोरखपुर के भटहट क्षेत्र के रहने वाले राम बदन को हैदराबाद से लौटने के बाद कोरोना संक्रमण हुआ था। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया था, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर जब परिजनों ने उन्हें एडमिट कराना चाहा तो हर जगह से निराशा हाथ लगी।;
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) भले ही प्रदेश में कोरोना महामारी (Corona Pandemics In UP) का प्रकोप पहले से कम होने का दावा कर रही है, लेकिन रोजाना कई ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जो बयां कर देती हैं कि इस महामारी से जूझ रहे लोग किस पीड़ा से गुजर रहे हैं। ताजा मामला सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के गृह क्षेत्र गोरखपुर (Gorakhpur) से सामने आया है। यहां एक युवक ने कोरोना संक्रमित भाई की जान बचाने के लिए उसे कंधे पर लादकर अस्पताल तक दौड़ लगा दी, लेकिन फिर भी उसे बचा नहीं सका।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोरखपुर के भटहट क्षेत्र के रहने वाले राम बदन को हैदराबाद से लौटने के बाद कोरोना संक्रमण हुआ था। उन्हें होम आइसोलेशन में रखा गया था। सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजनों का आरोप है कि उन्होंने एंबुलेंस के लिए कई जगह फोन किया, लेकिन कहीं से मदद नहीं मिली।
इसके बाद रामबदन का भाई उन्हें कंधे पर लादकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचा। आरोप है कि यहां भी मेडिकल कॉलेज के स्टाफ कर्मचारी संवेदनहीन बने रहे और स्ट्रेचर तक नहीं दिया। राम बदन को लेकर उनका भाई जब काउंटर पर पहुंचा तब तक उनका शरीर निढाल हो चुका था।
इसके बाद डॉक्टर वहां आए और जांच के बाद रामबदन को मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के जवाब देने के बाद रामबदन के परिजनों में चीख-पुकार मच गई। परिजनों का आरोप है कि अगर समय रहते उन्हें एंबुलेंस मिल जाती तो शायद रामबदन की जान बच जाती।
कॉलेज प्रबंधन ने किया आरोपों से इनकार
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन (BRD Medical college Gorakhpur) ने रामबदन के परिजनों की ओर से लगाए आरोपों को गलत बताया है। कॉलेज प्राचार्य का कहना है कि सारा स्टाफ बेहद संवेदनशीलता के साथ कोविड मरीजों के उपचार में लगा है।