यूपी में सियासत के नए रंग : चंद्रशेखर ने सपा से महज दो सीट के ऑफर पर जताई थी नाराजगी, अब अखिलेश ने पलट दिया दांव
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद रावण ने कहा था कि अखिलेश यादव ने छह सप्ताह से अंतिम दौर तक सकारात्मक बातचीत की, लेकिन उन्हें दलित नेताओं की गठबंधन में जरूरत नहीं है। अब मामला दोबारा से पटरी पर चढ़ने की उम्मीद है।;
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022 ) से बीजेपी (BJP) को उखाड़कर सत्ता से बाहर करने के लिए सियासत के रोजाना नए रंग दिखाई दे रहे हैं। करीब दो दिन पहले जहां भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad Ravan) ने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर दलितों को वोट बैंक का जरिया बताया था, वहीं अखिलेश ने फिर से चंद्रशेखर को सपा (SP) के साथ मिलकर हाथ मजबूत करने का आह्वान किया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव ने कहा है कि चंद्रशेखर आजाद को महज दो सीट दे पाएंगे। सभी सीट दे चुके हैं। आरएलडी ने एक सीट चंद्रशेखर के लिए और दूसरी सीट गाजियाबाद के लिए खाली है। उन्होंने कहा कि हम सीट चंद्रशेखर आजाद को देना चाहते हैं और वह हमारे भाई की तरह मिलकर बीजेपी को सत्ता से बाहर करे।
बता दें कि इससे करीब दो दिन पहले चंद्रशेखर आजाद ने आरोप लगाया था कि सपा चाहे कितनी भी बातें करें, लेकिन उन्हें दलितों की जरूरत नहीं है। अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो भी उन्हें हमेशा दलितों का विरोध सहना ही पड़ेगा। चंद्रशेखर ने कहा कि मेरी अखिलेश यादव से पिछले 6 महीनों में काफी मुलाकातें हुईं हैं। इस बीच सकारात्मक बातें भी हुई, लेकिन अंत समय में मुझे लगा कि अखिलेश यादव को दलितों की ज़रूरत नहीं है। वह इस गठबंधन में दलित नेताओं को नहीं चाहते। वह चाहते हैं कि दलित उनको वोट करें।
बहस में हो गए थे भावुक
चंद्रशेखर आजाद ने एक टीवी शो में ओमप्रकाश राजभर के साथ बातचीत के दौरान वे भावुक हो गए थे। यहां तक कि आजाद ने यह भी कह दिया था कि अगर अखिलेश यादव हमें भाई की तरह मदद मांगेंगे और एक भी सीट नहीं देंगे तो भी बीजेपी को बाहर करने के लिए सपा के लिए काम करेंगे। इस पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि वे जल्द अखिलेश यादव के साथ बातचीत करेंगे, जिसके बाद आज अखिलेश का बयान सामने आया है।