यूपी में ऑनर किलिंग : डेढ़ लाख की सुपारी देकर बेटी को जिंदा जलवाया, पुलिस को गुमराह करने के लिए चली ये चाल...

पुलिस ने चार फरवरी को एक युवती का अधजला शव बरामद किया था, जिसकी पहचान रंजना यादव के रूप में हुई थी। जब पुलिस ने जांच शुरू की तो परिजनों ने बताया कि रंजना किसी दूसरे संप्रदाय के युवक के साथ प्रेम करती थी। वह दिसंबर 2019 में उनकी बेटी को बहला-फूसलाकर भगा ले गया था। आरोपी पुलिस का शक किसी और पर डालकर खुद बच निकलना चाहते थे, लेकिन फिर ऐसा कुछ हुआ कि सबके चेहरे सामने आ गए। पुलिस कैसे पहुंची हत्यारों तक, इस रिपोर्ट में पढ़िये...;

Update: 2021-02-16 12:24 GMT

उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में हॉरर किलिंग का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक परिवार ने डेढ़ लाख रुपए की सुपारी देकर अपनी ही बेटी को जिंदा जलवा दिया। बेटी का कसूर इतना था कि वह दूसरे संप्रदाय के युवक से प्रेम करती थी। हत्या के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी भी रची गई। हालांकि पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी कैमरा लग गया, जिसने सभी आरोपियों के चेहरे सामने ला दिए। पुलिस ने मामले में मृतका के पिता, भाई और बहनोई समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। कांट्रेक्ट किलर और उसका साथी अभी फरार है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार धनघटा थाना क्षेत्र में 4 फरवरी को महिला का अधजला शव बरामद हुआ था। उसकी शिनाख्त जितवापुर गांव की रहने वाली 28 साल की रंजना यादव के रुप में हुई थी। पुलिस को पहले ही पता चल गया था कि यह हत्या का मामला है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह दम घुटना बताया गया था। इससे यह स्पष्ट नहीं हो रहा था कि गला दबाए जाने से मौत हुई है या धुएं में दम घुटने से। पुलिस ने जब मृतका के पिता कैलाश यादव से पूछताछ की तो उसने बताया कि रंजना किसी दूसरे संप्रदाय के युवक के साथ प्रेम करती थी। वह दिसंबर 2019 में उनकी बेटी को बहला-फूसलाकर भगा ले गया था। पुलिस में मामला दर्ज कराया तो रंजना वापस आ गई थी। परिजनों ने पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया कि उनका इस हत्या में कोई हाथ नहीं है।

सीसीटीवी में दिखे तो सामने आया असली चेहरा

पुलिस को शुरू से अंदाजा था कि यह हत्या रंजना के प्रेम संबंध की वजह से ही हुई है। पुलिस ने उन सभी रास्तों पर गहन तलाशी ली, जहां आरोपियों के मोबाइल एक्टिव थे। इस बीच पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी लग गया, जिसने पुलिस को हत्यारों तक पहुंचा दिया। सीसीटीवी में रंजना के परिजन नजर आ गए। इसके बाद पुलिस ने कैलाश यादव से दोबारा सख्ती से पूछताछ की तो उसने जुर्म कबूल कर लिया।

इस तरह दिया वारदात को अंजाम

पुलिस के मुताबिक आरोपी कैलाश यादव ने बताया कि उनकी बेटी दूसरे संप्रदाय के युवक से शादी करना चाहती थी। उन्होंने उसे बहुत समझाया, लेकिन जब नहीं मानी तो सबसे पहले दामाद सत्यप्रकाश से बात की। उसने सीताराम से संपर्क कराया। सीताराम के जरिये कॉन्ट्रैक्ट किलर वरुण तिवारी से मिले। बेटी की हत्या करके उसके शव को ठिकाने लगाने के लिए वरुण ने डेढ़ लाख रुपए मांगे।

तीन फरवरी की रात कॉन्ट्रैक्ट किलर वरुण अपने दोस्त के साथ टाटा मैजिक गाड़ी लेकर कैलाश के घर पहुंचा। रंजना को उसके भाई अजीत ने जबरन गाड़ी में बैठाया। इसके बाद कैलाश मोटरसाइकिल पर वरुण के साथ घर से निकला। आरोपी रंजना को धनघटा थाना क्षेत्र के सिवान में कच्ची सड़क से सटे एक टीनशेड में ले गए और मुंह-नाक तब तक दबाए रखा, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। इसके बाद पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस घटना का खुलासा करने वाली टीम को आईजी बस्ती ने 15 हजार रुपए और संतकबीरनगर के एसपी संतोष कुमार ने 10 हजार रुपए का इनाम देने का ऐलान किया है।

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