UP MLC Byelection: सपा को बड़ा झटका, कीर्ति कोल का पर्चा खारिज, बीजेपी की जीत तय

समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर की कीर्ति कोल को यूपी एमएलसी उपचुनाव का प्रत्याशी घोषित किया था। उन्होंने बीजेपी को हराने के लिए बड़ा दांव खेला लेकिन...;

Update: 2022-08-02 09:52 GMT

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की ओर से उत्तर प्रदेश विधान परिषद उपचुनाव (UP MLC Byelection 2022) के लिए मैदान में उतारी कीर्ति कोल (Kirti Kol) का पर्चा खारिज (Nomination Paper Rejected) कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पर्चे में जो डेट ऑफ बर्थ लिखी है, वो 30 साल से नीचे है। एमएससी चुनाव लड़ने के लिए उम्र 30 साल से अधिक होनी चाहिए। ऐसे में कीर्ति कोल का पर्चा खारिज कर दिया गया है। ऐसे में अब यूपी एमएससी उपचुनाव की दोनों सीटों पर बीजेपी (BJP) प्रत्याशियों की जीत तय हो चुकी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समाजवादी पार्टी ने मिर्जापुर की कीर्ति कोल को यूपी एमएलसी उपचुनाव का प्रत्याशी घोषित किया था। आदिवासी समाज से आने वाली कीर्ति कोल को प्रत्याशी बनाकर सपा ने बड़ा दांव खेला था। ऐसे में इस उपचुनाव को लेकर सबकी निगाह थी कि इस बार सपा बीजेपी को हरा पाएगी या नहीं। इससे पहले कि फैसला होता, उससे पहले ही सपा को तगड़ा झटका लगा। कीर्ति कोल का पर्चा खारिज होने पर जहां सपा मामले की जांच कराने की बात कह रही है तो वहीं सत्ता पक्ष के नेता इसे सपा नेताओं की अपरिपक्वता को जिम्मेदार बता रहे हैं।

बीजेपी प्रवक्ता अलोक अवस्थी का कहना है कि समाजवादी पार्टी को मालूम होना चाहिए था कि इस चुनाव में उम्र की सीमा 30 साल से अधिक होनी चाहिए। समझ नहीं आता कि सपा को इस बात की जानकारी थी या नहीं। अगर जानकारी थी तो गलत तरीके से प्रत्याशी को मैदान में क्यों उतारा। सपा को इसका जवाब देना चाहिए।

धर्मेंद्र सैंथवार और निर्मला पासवान की जीत तय

बीजेपी ने बीते शनिवार को एमएलसी सीटों पर दो प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी थी। गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और प्रयागराज के सोरांव की रहने वाली निर्मला पासवान को प्रत्याशी बनाया गया। जांच के दौरान दोनों प्रत्याशियों के पर्चे सही पाए गए। ऐसे में स्पष्ट हो गया है कि दोनों सीटें बीजेपी ने जीत ली है। 

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