यूपी में हाउस टैक्स खुद तय कर सकेंगे लोग, पुराने भवन मालिकों को मिलेगी भारी छूट

ई-कैबिनेट में उत्तर प्रदेश नगर पालिका नियमावली 2021 को मंजूरी दे दी गई है। अभी उत्तर प्रदेश नगर निगम नियमावली-2000 लागू है। नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में हाउस टैक्स वसूलने को लेकर कोई नियमावली नहीं होने से मनमाने तरीके से टैक्स वसूला जाता था, जिससे आम लोगों को खासी परेशानियां होती थी।;

Update: 2021-03-17 04:58 GMT

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने छोटे शहरों, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में स्वकर प्रणाली लागू की है। मंगलवार को हुई ई-कैबिनेट में उत्तर प्रदेश नगर पालिका नियमावली 2021 को मंजूरी दिए जाने से लोग अब खुद ही हाउस टैक्स का निर्धारण कर पाएंगे। मकान पुराना होने पर हाउस टैक्स में भारी छूट भी मिलेगी।

उत्तर प्रदेश में अभी तक नगर निगमों में हाउस टैक्स वसूली के लिए उत्तर प्रदेश नगर निगम नियमावली-2000 लागू है। अभी तक नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में हाउस टैक्स वसूलने को लेकर कोई नियमावली नहीं थी। ऐसे में हाउस टैक्स वसूलने के लिए मनमाना तरीका इस्तेमाल किया जाता था। इससे लोगों को भारी परेशानियां उठानी पड़ती। शिकायतों की भरमार रहती। प्रदेश सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए इस प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाने की दिशा में विचार प्रारंभ किया। उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम 1916 के तहत दी गई व्यवस्थाओं के तहत नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में हाउस टैक्स वसूली के लिए नगर पालिका नियमावली 2021 को मंजूरी दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस नियमावली के लागू होने से अब नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में इलाके के हिसाब से किराया तय होगा। किराया दर और भवन निर्माण क्षेत्र को 12 से गुणा कर वार्षिक किराया मूल्यांकन (एआरवी) तय किया जाएगा। इसके बाद निकाय बोर्ड तय करेगा कि इसका कितना प्रतिशत हाउस टैकेस के रुप में वसूला जाएगा।

पुराने भवन मालिकों को ऐसे मिलेगा लाभ

उत्तर प्रदेश नगर पालिका नियमावली 2021 में पुराने भवन मालिकों को हाउस टैक्स में छूट भी मिलेगी। नियमावली के अनुसार 10 साल पुराने मकान मालिकों को 25 प्रतिशत, 10 से 20 साल पुराने मकान मालिकों को 31 प्रतिशत और 20 से ज्यादा साल पुराने मकान मालिकों को 40 प्रतिशत छूट दी जाएगी। ऐसे भवन जिन्हें किराये पर दिया है और भवन मालिक स्वयं उसका उपयोग नहीं कर रहा तो 10 साल पुराने घर पर 25 प्रतिशत, 10 से 20 साल पुराने मकानों पर 12 प्रतिशत अधिक हाउस टैक्स लिया जाएगा। अगर कोई मकान 20 साल या इससे पुराना है तो कोई अतिरिक्त हाउस टैक्स नहीं लिया जाएगा। 

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