यूपी में गोवध पर 10 साल की जेल के साथ जुर्माना, दुबारा दोषी पाने पर दोगुनी सजा

यूपी में गोवध (Cow Slaughter) निवारण अधिनियम में बड़ा बदलाव किया गया है। अब गोकशी पर अधिकतम 10 साल की जेल के साथ जुर्माना भी वसूला जाएगा।;

Update: 2020-06-10 08:08 GMT

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 64 साल पूराने कानून यानी 1956 में लागू हुए गोवध निवारण अधिनियम (Cow Slaughter Act) में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला मंगलवार शाम हुई कैबिनेट बैठक में ली गई।

इस बदलाव के बाद अब गोकशी या तस्करी पर 10 साल की सजा काटनी होगी। साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी भरना होगा। वहीं अंग भंग करने पर 7 साल की जेल और 3 लाख तक जुर्माना लगेगा। इतना नहीं अगर गोकशी पर दुबारा दोषी पाए जाते हैं तो सजा भी दोगुनी काटनी पड़ेगी।

साथ ही शहरों में आरोपियों के पोस्टर भी चिपकाए जाएंगे। सूत्रों के अनुसार यूपी कैबिनेट ने यूपी गोवध निवारण (Amendment) अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी है। अब राज्यपाल की मुहर लगने के बाद इसे नए कानून के तौर पर लागू कर दिया जाएगा।

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संशोधन कानून के तहत यदि तस्करी के लिए ले जाया जा रहा गोवंश (Cattle) को जब्त किया जाता है तो उसे एक साल तक अथवा गोवंश के निर्मुक्त किए जाने तक भरण-पोषण के लिए खर्च की वसूली भी अभियुक्त से होगी।

इसके अलावा गो तस्करी के लिए ले जा रहे वाहन चालक जब तक साबित नहीं कर देंगे कि उनके वाहन में मांस की जानकारी नहीं थी, वे भी आरोपी के घेरे में आएंगे। इस अधिनियम के तहत सभी अपराध गैर जमानती होंगे। 

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