दूसरों से पैसे मांगकर घर चलाने वाला स्वीपर निकला करोड़पति, 10 साल से नहीं निकाली सैलरी, शादी के लिए...

लोगों को कभी भी उनके कपड़ों और पहनावे से नहीं आंकना चाहिए। इसी से जुड़ा मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) से सामने आया है। जहां सीएमओ कार्यालय (CMO Office) के कुष्ठ विभाग में काम करने वाले सफाईकर्मी ने यह बात सच साबित कर दिखाई है।;

Update: 2022-06-25 12:13 GMT

लोगों को कभी भी उनके कपड़ों और पहनावे से नहीं आंकना चाहिए। इसी कढ़ी से जुड़ा मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रयागराज (Prayagraj) से सामने आया है। जहां सीएमओ कार्यालय (CMO Office) के कुष्ठ विभाग में काम करने वाले सफाईकर्मी ने यह बात सच साबित कर दिखाई है। वह फटे-पुराने व बदबूदार कपड़े पहनकर सीएमओ कार्यालय आने वाला धीरज लोगों से भीख मांगकर घर का खर्च चलाता है।

लेकिन ऊपर से ऐसा दिखने वाला स्वीपर करोड़पति है। यह सुनकर आपको जरूर हैरानी होगी। लेकिन यह सच है। उनके खाते में 70 लाख रुपये हैं और उनके पास जमीन और मकान भी है। खास बात यह है कि करीब 10 साल से उसने बैंक से अपनी सैलरी भी नहीं निकली है। इस बात खुलासा जब हुआ तब बैंक के कर्मचारी धीरज को खोजते हुए सीएमओ कार्यालय (CMO Office) के कुष्ठ विभाग पहुंचे।

उन्होंने धीरज (Dheeraj) के बारे में जानकारी मांगी तो कुष्ठ विभाग के कर्मचारियों ने उसे गरीब बताया। इस पर बैंक कर्मचारियों (Bank Employees) ने कहा कि उनके खाते में बड़ी रकम है। उसने 10 साल से अपनी सैलरी ही नहीं ली है। उन्होंने कहा उसके बैंक खाते में करीब 70 लाख रुपये जमा है। धीरज के पास अपनी जमीन और घर होने के बारे में भी बैंक कर्मियों ने ही खुलासा किया।

इसके बाद विभाग के कर्मचारियों को पता चला कि वह करोड़पति हैं। वही बैंक वाले धीरज से अपनी सैलरी (Salary) निकालने का अनुरोध कर रहे हैं। दरअसल, धीरज के पिता इसी विभाग में सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत थे और नौकरी के बीच उनकी मौत हो गई। वहीं मृतक आश्रित के रूप में धीरज को 2012 में उनके स्थान पर स्वीपर की नौकरी मिल गई, तब से उन्होंने बैंक से अपना वेतन नहीं निकाला, वह वहां के अधिकारियों और कर्मचारियों से पैसे मांगकर अपना खर्च चलाता हैं।

लेकिन खास बात यह है कि धीरज एक आयकर दाता है और सरकार को टैक्स भी जमा करता है. वह अपनी मां और बहन के साथ रहता है। धीरज की अभी शादी नहीं हुई है और वह शादी नहीं करना चाहता। उसे डर है कि कहीं कोई उसका पैसा न ले ले। कुष्ठ विभाग के स्टाफ के मुताबिक धीरज (Dheeraj) मानसिक रूप से कमजोर है। इसके बाद भी वह अपना काम ईमानदारी और मेहनत से काम करता हैं।

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