कोरोना संक्रमित पत्नी की देखभाल के लिए नहीं मिली छुट्टी तो DSP ने व्हाट्सअप पर राज्यपाल को संबोधित कर भेज दिया इस्तीफा
पत्नी और 4 साल की बच्ची के साथ रहते हैं डीएसपी। खुद बीमार होने पर भी दी ड्यूटी। पत्नी और बच्ची को संभालने के लिए उठाया बड़ा कदम।;
देश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। ऐसे में कई लोग इससे पूरी तरह परेशान हो गये हैं। इसी की एक बानगी उत्तर प्रदेश के झांसी में सामने आई। जहां पत्नी के कोरोना संक्रमित होने पर उनकी देखभाल के लिए डीएसपी को छुट्टी नहीं मिली। इस पर (Dsp Manish Sonker) डीएसपी मनीष सोनकर ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने (SSP) एसएसपी रोहन पी कनय को राज्यपाल को संबोधित इस्तीफा व्हाट्सअप पर भेज दिया।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के झांसी (Jhanshi) में तैनात डीएसपी मनीष सोनकर 2005 के पीपीएस ऑफिसर है। वह हाल में सीओ सदर के पद पर तैनात है। यहां उनके परिवार में पत्नी और 4 साल की बेटी है। जो मनीष सोनकर के साथ ही रहती है। 20 अप्रैल से मनीष सोनकर और उनकी पत्नी को तेज बुखार था। इस पर मनीष सोनकर ने अपना टेस्ट कराया। लेकिन उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई। लिहाजा मनीष बुखार में भी अपनी ड्यूटी निभाते रहे। वह लॉकडाउन का पालन कराने से लेकर तमाम बैठकों में मौजूद रहे। इसबीच पत्नी की हालत खराब होती चली गई। दोनों पति पत्नी ने अपनी 4 साल की बेटी को अपने से दूर रखा। जैसे तैसे कर उसका और अपना ध्यान रखा, लेकिन इसबीच ही 30 अप्रैल को सीओ मनीष सोनकर की पत्नी का टेस्ट कराने पर कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई।
पत्नी से लेकर बच्ची को संभालने की जिम्मेदारी भी आई
पत्नी के कोरोना पॉजिटिव आने पर सीओ मनीष ने उन्हें घर में आइसोलेट कर खुद को और 4 साल की बेटी को घर में ही अलग किया। साथ ही बेटी और पत्नी दोनों का ध्यान रखना शुरू कर दिया। इसी दौरान सीओ मनीष की ड्यूटी पंचायत मतगना चुनाव में ड्यूटी लगी तो उन्होंने जिले के कप्तान को अपनी सारी समस्या बताई। साथ ही एसएसपी से 6 दिन का अवकाश मांगा। इसके बावजूद सीओ की ड्यूटी बड़ागांव ब्लॉक में लगा दी। इस बात से परेशान सीओ ने व्हाट्सपर पर ही राज्यपाल को संबोधित करते हुए अपना इस्तीफा जिले के कप्तान एसएसपी को भेज दिया। जानकारी के अनुसार, इस्तीफा भेजने के बाद सीओ मनीष सोनकर को छुट्टी दे दी गई। साथ ही एसएसपी ने इस मामले से आला अधिकारियों को अवगत कराया। इस पर कानपुर एडीजी जोन भानु भास्कर ने कहा कि मामला संज्ञान में है। इस पर सहानुभूति पूर्वक फैसला लिया जाएगा।