Varanasi: विनोबा भावे की इमारत गिराने के फैसले पर रोक, 10 जुलाई को SC में सुनवाई
वाराणसी (Varanasi) में ‘सर्व सेवा संघ’ (Sarva Seva Sangh) की इमारत को डीएम द्वारा गिराने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 10 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय हो गई है। इस संबंध में मशहूर वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। पढ़ें पूरी खबर...;
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) स्थित गांधीवादी विचारों के प्रचार में लगी संस्था ‘सर्व सेवा संघ’ (Sarva Seva Sangh) की इमारत के एक हिस्से को जिले के डीएम ने गिराने का फैसला किया है। इस फैसले के खिलाफ मशहूर वकील प्रशांत भूषण (Prashant Bhushan) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की, जिस पर 10 जुलाई को सुनवाई होनी तय हो गई है।
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) और जस्टिस पीएस नरसिंहा (Justice PS Narasimha) की बेंच ने शुक्रवार को वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण की याचिका पर संज्ञान लेते हुए कहा कि वे वाराणसी के जिलाधिकारी को जाकर सूचित कर सकते हैं कि हम सोमवार को इस मामले पर सुनवाई के लिए तैयार हैं। इस दौरान संस्था की इमारत को गिराया नहीं जाएगा। बता दें कि अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने वाराणसी के डीएम के फैसले के खिलाफ तत्काल सुनवाई और इमारत को गिराने के आदेश पर रोक लगाने के लिए अपील की थी। प्रशांत भूषण का कहना है कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए आचार्य विनोबा भावे (Acharya Vinoba Bhave) ने 1948 में सर्व सेवा संघ की स्थापना की थी। अब वाराणसी जिला प्रशासन इसे गिराना चाहता है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 10 जुलाई की तारीख तय हो गई है।
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राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक यह जमीन रेलवे की: जिलाधिकारी
गौरतलब है कि सर्व सेवा संघ ने इससे पहले उत्तर रेलवे (Northern Railway) के नोटिस के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका लगाई थी। संस्था की यह इमारत करीब 13 एकड़ क्षेत्रफल में बनी हुई है। सर्व सेवा संघ की तरफ से कहा गया है कि वाराणसी के परगना देहात में उसने भारत सरकार से 1960, 1961 और 1970 में तीन रजिस्टर्ड सेल डीड्स के जरिए परिसर के लिए जमीन खरीदी थी। दूसरी तरफ, वाराणसी जिलाधिकारी का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड के मुताबिक यह जमीन रेलवे की है।
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