बीएसपी सांसद पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला की मौत, तीन दिन पहले गवाह ने तोड़ा था दम, जानें पूरा मामला

बीएसपी सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने अपने दोस्त सत्यम प्रकाश राय के साथ मिलकर 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। सत्यम इस केस में गवाह बताया गया था। तीन दिन पहले सत्यम की मौत हुई थी, जबकि महिला ने आज दम तोड़ दिया।;

Update: 2021-08-24 12:53 GMT

उत्तर प्रदेश में मऊ सीट से बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) के सांसद अतुल राय (MP Atul Rai) पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने आज राम मनोहर लोहिया अस्पताल (Ram Manohar Lohia Hospital) में दम तोड़ दिया। मामले में गवाह रहे महिला के दोस्त की भी तीन दिन पहले मौत हो चुकी है। घटना को लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसपी सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला ने अपने दोस्त सत्यम प्रकाश राय के साथ मिलकर 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर खुद को आग लगा ली थी। सत्यम इस केस में गवाह बताया गया था। आग लगाने से पहले दोनों ने वीडियो बनाकर आरोप लगाया था कि अतुल राय के इशारे पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। दोनों ने कहा था कि सरकारी तंत्र से प्रताड़ित होने के बाद बुरी तरह से निराश हो चुके हैं। पुलिस और जजों की मिलीभगत से न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसी वजह से आत्मदाह के लिए मजबूर हैं।

दोनों के आग लगाते ही वहां हड़कंप मच गया। सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह आग को बुझाकर दोनों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचाया। यहां इलाज के दौरान तीन दिन पहले सत्यम प्रकाश राय की मौत हो गई थी, जबकि महिला ने भी आज दम तोड़ दिया।

सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो में महिला और उसके दोस्त ने आरोप लगाया था कि बीएसपी सांसद अतुल राय के इशारे पर वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय और उसका बेटा पीछे पड़े हैं। उनके खिलाफ फर्जी मुकद्दमे दर्ज कराए जा रहे हैं। पीड़ित को चरित्रहीन साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। न तो यूपी पुलिस और अदालत से और न ही पीएमओ से कोई मदद मिली है।

बता दें कि यूपी सरकार ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। पिछले दिनों पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को इसी केस के चलते हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। जांच समिति सभी पुलिस अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी। इसके बाद प्रदेश सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। 

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