पत्रकार रतन सिंह के परिवार को सरकार देगी मुआवजा, पिता का आरोप पुलिस की मिलीभगत से हुई बेटे की हत्या
योगी सरकार ने पत्रकार रतन सिंह के परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं, इस मामले में पुलिस ने कहा है कि पत्रकार की हत्या का उसके पत्रकारिता से कोई लिंक नहीं है।;
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में बदमाशों ने एक टीवी न्यूज चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। यह घटना सोमवार रात फेफना थाना की है। पुलिस ने इस मामले में अभी तक 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
वहीं, मुख्य आरोपी समेत चार आरोपियों की तलाश जारी है। उधर, सीएम योगी आदित्यनाथ ने पत्रकार के परिजन को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। इस मामले के तहत पिता का कहना है कि उनके बेटे की हत्या का कारण पुलिस है।
पिता का आरोप, पुलिस थोड़े देर और रुकती तो नहीं होती बेटे की हत्या
पिता का आरोप है कि पुलिस की मिलीभगत के कारण उसके बेटे की हत्या हुई। पिता ने कहा कि विवादित जमीन पर न ही भूसा और न ही पुवाल रखा गया था। न ही विवादित जमीन को लेकर झगड़ा था। उन्होंने कहा कि पूरे मामले में फेफना के इंस्पेक्टर शशिमौली की भूमिका संदिग्ध है।
पत्रकार खुद की आत्मसुरक्षा के लिए पुलिस को फोन किया था। लेकिन पुलिस थोड़ी देर के लिए और फिर वापस चले गई। यदि उस समय पुलिस वहां कुछ देर और रुक जाती तो आज मेरे बेटे की हत्या नहीं होती।
प्रदर्शन के बाद एसओ सस्पेंड
इस घटना के बाद इलाके के लोगों ने रोड जामकर प्रदर्शन शुरू कर दिया था। उनकी मांग थी आरोपियों की गिरफ्तारी और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड किया जाए। इस प्रदर्शन के बाद एसपी ने एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड कर दिया।
उधर, आजमगढ़ के डीआईजी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि इस मामले में फिलहाल 10 लोगों को आरोपी बनाया है। इनमें से 6 की गिरफ्तारी हो चुकी है। बाकी चार की तलाश जारी है। डीआईजी का कहना है कि इस हत्या का संबंध पत्रकारिता से नहीं है।
यह घटना दो पक्षों के बीच जमीन विवाद से जुड़ी है।
अपने ही गांव में हुए मौत का शिकार
गौरतलब है कि सोमवार रात रतन सिंह अपने ही गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल घर जा रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने उन पर गोली चलाना शुरू कर दी। इस बीच अपनी आत्मसुरक्षा के लिए पत्रकार रतन सिंह ग्राम प्रधान में घर में घुस गए।
लेकिन बदमाशों ने दौड़ाकर तीन गोलियां दाग दीं। इससे रतन की मौके पर ही मौत हो गई।