डॉक्टर-नर्स को पन्नी से बनी पीपीई किट पहनाई, इलाज करते-करते हुए बेहोश
हमीदिया अस्पताल में इस बार नई वाली पीपीई किट सप्लाई की थी। इनकी मोटाई पहले की पीपीई किट से ज्यादा थी। इसमें प्लास्टिक की एक लेयर अलग से लगाई गई है। यही वजह है कि इस किट में हवा बिल्कुल भी अंदर नहीं आ रही थी। ऐसे में जब कर्मचारियों ने ये किट पहनी तो उन्हें तेजी से पसीना आया और सांस लेने में परेशानी हुई।;
कोरोना वॉरियर्स के लिए पीपीई किट एकमात्र उपाय है जो खुद को कोरोना से सुरक्षित रखने का। लेकिन अब यही पीपीई किट इन कोरोना वॉरियर्स के लिए मुसीबत बनती जा रही है। मध्यप्रदेश के हमीदिया में सोमवार को अस्पताल उस समय हड़कंप मच गया, जब पीपीई किट पहनकर मरीजों की देखभाल में लगे डॉक्टर, स्टाफ नर्स सहित वार्ड में ड्यूटी करने वाले आधा दर्जन से ज्यादा कर्मचारी बेहाश होकर खाकर गिर गए।
बताया जा रहा है कि जो किट हमीदिया अस्पताल के स्टॉफ को दी गई उस पीपीई किट में पन्नी चढ़ाई गई। गर्मी अधिक होने के कारण पन्नी चढ़ी पीपीई किट पहनने से मेडिकल स्टॉफ को घबराहट के साथ जी मचलने शिकायत होकर वह गश खाकर गिर गए। अचानक स्टाफ के लोगों के बेहोश होने से अस्पताल में हड़कंप मंच गया। मौके पर पहुंचे डॉक्टरों ने तत्काल स्टाफ को ग्लूकोज चढ़ाई।
हालांकि कुछ देर आराम करने के बाद यह कोरोना वॉरियर्स दोबारा अपने काम में जुट गए। फिलहाल सभी की हालत खतरे बाहर बताई जा रही है। डॉक्टरों के मुताबिक इस बार सप्लाई की गई पीपी किट में चढ़ाई गई पन्नी की वजह से स्टाफ की तबीयत खराब हुई है।
पन्नी लगी पीपीई किट में नहीं जाती हवा, सांस लेने में होती है परेशानी
हमीदिया अस्पताल में इस बार नई वाली पीपीई किट सप्लाई की थी। इनकी मोटाई पहले की पीपीई किट से ज्यादा थी। इसमें प्लास्टिक की एक लेयर अलग से लगाई गई है। यही वजह है कि इस किट में हवा बिल्कुल भी अंदर नहीं आ रही थी। ऐसे में जब कर्मचारियों ने ये किट पहनी तो उन्हें तेजी से पसीना आया और सांस लेने में परेशानी हुई। इससे सभी को चक्कर आ गए।
इनका कहना
इस बार सप्लाई की गई पीपीई किट में पन्नी चढ़ाने से ऐसा हुआ है। पीपीई किट का मैटेरियल विभाग के एक्सपर्टस को जांचना चाहिए ताकि ड्रेस पहन कर काम करने में कोरोना फाइटर्स को कोई परेशानी ना आ आए
पीपीई किट से हाईपरटेंशन और डिहाईड्रेशन की शिकायत
इंफेक्शन के खतरे से बचने के लिए कोरोना वार्ड में एंट्री लेने के पहले स्टाफ को पीपीई ड्रेस पहनना अनिवार्य होता है। लंबे वक्त तक ये ड्रेस पहनने से कई लोगों को हाईपरटेंशन, बीपी, डिहाईड्रेशन, चक्कर आना, जी मिचलाना और सास लेने में दिक्कत की समस्या आती है। काम के बीच में ये ड्रेस उतार नहीं सकते। इसे पहनकर ना तो कुछ खा सकते हैं ना ही कुछ पी सकते हैं। इन परिस्थितियों में कई स्टाफ की तबियत बिगड़ जाती है।
कोरोना वॉरियर्स को सलाम
हमीदिया अस्पताल पन्नी लगी नई सप्लाई की गई पीपीई किट को पहनने के बाद जिन योद्धाओं की तबीयत बिगड़ी थी, वो सभी कुछ समय आराम करने के बाद फिर से काम में लग गए हैं। सभी जूनियर और सीनियर डॉक्टर्स समेत नर्सों, वार्डबॉय और गार्डों के इस जज्बे को देख मौके पर मौजूद लोगों ने कोरोना योद्धाओं को सलामी दी।