दिग्विजय के ट्वीट का असर, सीएम कमलनाथ ने की प्रोजेक्ट गौ शाला निर्माण की समीक्षा, दिए सख्त निर्देश

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उज्जैन से सड़क मार्ग से लौटते वक्त सड़कों पर बैठी गायों को लेकर ट्वीटर पर त्वरित टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ यदि आवारा गौ माता हो सड़कों से हटा देंगे तो सच्चे गौ भक्तों में गिने जाएंगे।;

Update: 2019-10-12 04:41 GMT

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उज्जैन से सड़क मार्ग से लौटते वक्त सड़कों पर बैठी गायों को लेकर ट्वीटर पर त्वरित टिप्पणी की है। उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ यदि आवारा गौ माता हो सड़कों से हटा देंगे तो सच्चे गौ भक्तों में गिने जाएंगे। कथित भाजपाई नेताओं को नसीहत मिलेगी। इस टिप्पणी के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मंत्रालय में उच्च स्तरीय बैठक लेकर मप्र में 3 हजार गौ शालाओंं के निर्माण में तेजी लाने का सख्त निर्देश दिए।

पूर्व मुख्यमंत्री सिंह भोपाल लौट रहे थे। उस दौरान उन्हें गायों की झुंड हाईवे पर बैठी हुई मिली। उन्होंने ट्वीटर पर एक फोटोग्राफ भी अपलोड किया, जिसमें गायें बीच सड़क पर बैठी हुई हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा कि यह चित्र भोपाल इंदौर हाइवे की है, जहां आवारा गायें बैठी रहती हैं। लगभग हर वे दुर्घटनाओं में मर जाती हैं। उन्होंने सवाल किया कि कहां हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक। मप्र शासन को तत्काल इन आवारा गौ माता को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यारण या गौ शालाओं में भेजना चाहिए। उनके इस ट्वीट के बाद पूरी सरकार हरकत में आ गई। मुख्यमंत्री नाथ ने मंत्रालय में प्रोजेक्ट गौ शाला की समीक्षा की और सख्त निर्देश दिए। 

मनरेगा से 3000 गौ शालाएं अगले साल तक हर हाल में बनेगी.

मप्र में एक हजार गौ शालाएं निर्माणाधीन है। जबकि 3 हजार गौ शालाएं अगले साल तक बनना है। यह सभी गौ शालाएं मनरेगा से बनेगी। मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि एक हजार गौ.शालाओं को हर हाल में तय समय.सीमा में पूरा कराएं। इसके लिए संबंधित विभागों की जवाबदेही तय की जाए और समय.समय पर इसकी समीक्षा की जाए। अगले वर्ष तक 3 हजार गौ.शालाएं बनाने का लक्ष्य है। इसकी पूरी योजना, निर्माण स्थल का चयन व प्रक्रिया दिसम्बर 2019 तक में पूरा कर लिया जाए। उन्होंने गौ.रक्षा एवं निराश्रित गायों के लिए सरकार की ओर से चलाए जा रहे अभियान को मुख्यमंत्री गौ.सेवा योजना का नाम दिया है।

गौ संवर्धन बोर्ड अब विकास पर भी राशि करेगा खर्च.

बैठक में यह भी तय हुआ कि अभी तक गौ संवर्धन बोर्ड महज पशुओं के चारे पर राशि खर्च करता था, पर उसे इनफ्रास्ट्रक्चर पर भी खर्च करने का अधिकार दे दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर निराश्रित गायों की रक्षा तत्काल होनी चाहिए। गौ-शालाओं के निर्माण में जो भी दिक्कतें हैं, वे उनके ध्यान में लाई जाएं, ताकि उनका तत्काल निराकरण हो सके। धन की कमी इस काम में आड़े नहीं आना चाहिए। गौ-शाला निर्माण एवं संचालन करने वाले ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग में बेहतर ताल मेल हो। उन्होंने गौ-शालाओं के निर्माण की प्रगति और गौ-संरक्षण के लिए निजी क्षेत्रों से आने वाली पहल के बारे में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने मंडी बोर्ड से पशुपालन विभाग को चारे के लिए मिलने वाली राशि का उपयोग गौ-संरक्षण के अन्य कार्यों में किए जाने पर अपनी सहमति प्रदान की। बैठक में विभागीय मंत्री व सभी वरिष्ठ अफसर मौजूद थे।

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