आंखफोड़ कांड के बाद मचा हड़कंप, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर दिए जांच के आदेश, 11 मरीजों ने ऑपरेशन के बाद खोई आंखों की रोशनी
मध्यप्रदेश के इंदौर में 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कलेक्टर को प्रबंधन और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।;
मध्यप्रदेश के इंदौर में 11 मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कलेक्टर को प्रबंधन और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सीएम ने सभी मरीजों को दूसरे अस्पताल में बेहतर चिकित्सिा सुवधिा उपलब्ध कराने से लेकर पीड़ितों को हर संभव मदद देने के भी निर्देश दिए।
कमलनाथ ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, 9 वर्ष पूर्व इसी हॉस्पिटल में हुई घटना के बाद भी कैसे हॉस्पिटल को वापस अनुमति प्रदान की गई, जांच कर प्रबंधन व दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो। इन सभी मरीज़ों के उपचार का ख़र्च शासन द्वारा वाहन किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक प्रभावित मरीज़ को 50-50 हज़ार रुपए की सहायता प्रदान करने के भी निर्देश दिए।
इंदौर के आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीज़ों की आँखो की रोशनी धूमिल होने की घटना बेहद दुखद,कलेक्टर को जाँच के निर्देश।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 17, 2019
9 वर्ष पूर्व इसी हॉस्पिटल में हुई घटना के बाद भी कैसे हॉस्पिटल को वापस अनुमति प्रदान की गयी,जाँच कर प्रबंधन व दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो
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बता दें शनिवार सुबह मध्यप्रदेश के इंदौर में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 11 मरीजों को रोशनी जाने का बड़ा मामला सामने आया है। 10 दिन पहले इंदौर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन किया गया था जिसमें इंनफेक्शन के कारण 11 लोगों ने अपनी आंखों की रोशनी खो दी।
ऑपरेशन के बाद आंखों की रोशनी जाने का यह पहला मामला नहीं इसके कुछ दिन पहले भी 22 मरीजों ने मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद अपनी आंखों की रोशनी खो दी थी। इसमें कुछ की एक आंख तो किसी की दोनों आंखों को नुकसान पहुंचा है। सभी मरीजों को डॉक्टरों ने एक हाल में बंद करके रखा हुआ है।
सभी मरीज़ों को अन्य अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने से लेकर पीड़ित मरीज़ों की हरसंभव मदद करने के निर्देश।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 17, 2019
इन सभी मरीज़ों के उपचार का ख़र्च शासन द्वारा वाहन करने के साथ ही ,प्रत्येक प्रभावित मरीज़ को 50-50 हज़ार की सहायता प्रदान करने के निर्देश।
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परिजनों को भी उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा। घटना की जानकारी होने पर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए 7 लोगों की कमेटी बनाई गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने दोषियों पर जल्द कार्रवाई करने को कहा है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है एक समय के बाद मरीजों की रोशनी वापस आ जाएगी।
दरअसल, 8 अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत मोतिबिंद के मरीजों को आई हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया था। उसी दिन उन सभी का ऑपरेशन किया गया। इसके अगले दिन 9 अगस्त को मरीजों की आंखों में दवांई डाली गई जिसके बाद उन्हें सब कुछ सफेद दिखना शुरू हो गया। कुछ मरीजों ने सब कुछ काली छाया सी दिखने और दर्द की शिकायत की। जांच के बाद डॉक्टरों ने माना कि इनकी आंखों में इंफेक्शन हो गया है।
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