'कांग्रेस एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, कमलनाथ कभी नहीं मिलते थे'
अदालत में बागी-1 : दिमनी के पूर्व विधायक गिर्राज दंडौतिया से 'हरिभूमि-INH' के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की खास बातचीत -;
भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक और दिमनी(मुरैना)से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे गिर्राज दंडौतिया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सिंधिया समर्थक विधायकों को मिलने का समय ही नहीं देते थे। जबकि डॉ. गोविंद सिंह विकास के कामों पर अडंगा लगाते थे, इसलिए मजबूर होकर हमने पार्टी छोड़ी है। 'हरिभूमि' के सहयोगी न्यूज चैनल 'आईएनएच न्यूज' के विशेष कार्यक्रम 'अदालत में बागी' कार्यक्रम में दंडौतिया से प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने खास बातचीत की। पेश है बातचीत के अंश-
प्रश्न: विधायक होते हुए ऐसा क्या हो गया कि आपको पार्टी छोड़नी पड़ी?
उत्तर: कमलनाथ सरकार में हमारी लगातार उपेक्षा हो रही थी। हम अपने क्षेत्र के विकास के लिए मुख्यमंत्री से मिलना चाहते थे, तो दस बार पत्र लिखने के बाद भी हमें तत्कालीन सीएम कमलनाथ ने मिलने का मौका नहीं दिया। क्षेत्र के विकास की योजनाएं लेकर जब हम तत्कालीन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह से मिलते थे तो वे काम करने के बजाए उस पर अडंगा लगा देते थे। आखिर क्षेत्र के विकास के लिए हमने पार्टी छोड़ना तय किया।
प्रश्न : आपको किस तरह की समस्या कांग्रेस सरकार में हो रही थी?
उत्तर : मेरे विधानसभा क्षेत्र में दिग्विजय सिंह समर्थक नेताओं के कहने पर पंचायत सचिव, पटवारी, विद्युत विभाग के जूनियर इंजीनियर तक के तबादले होते थे। हम जनप्रतिनिधि थे, लेकिन हमारी सुनवाई नहीं होती थी, क्योंकि हम ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हैं। इसलिए बिना वजह विकास के कामों में हमारे साथ भेदभाव किया जाता रहा है। हम जब विधानसभा में नियम 139 की चर्चा के लिए नाम देते थे, तो संसदीय कार्यमंत्री डॉ. गोविंद सिंह हमारे नाम कटवा देते थे। हमें बोलने नहीं दिया जाता था।
प्रश्न : क्या आप कमलनाथ सरकार में मंत्री पद के दावेदार थे, हसरत पूरी नहीं हुई इसलिए पार्टी छोड़ी?
उत्तर : हमारे क्षेत्र के छह विधायकों को चार-चार बार के अनुभवी होते हुए भी किसी को मंत्री नहीं बनाया था। जबकि दिग्विजय सिंह ने सिर्फ दो बार के विधायक अपने बेटे और भतीजे को कैबिनेट मंत्री बनवा दिया। यह दिग्विजय सिंह की मनमानी थी, वे हमें सिंधिया समर्थक होने के चलते अलग-थलग किए हुए थे।
प्रश्न : कांग्रेस सरकार और भाजपा सरकार में आपको क्या अंतर लगा?
उत्तर : कांग्रेस सरकार प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम कर रही थी, जो दिल्ली से संचालित थी। उसमें व्यक्तिवाद की प्रधानता है। कांग्रेस सरकार में जनप्रतिनिधियों की सुनवाई नहीं थी। जबकि भाजपा सरकार में संगठन की प्रधानता है, यहां आम जन और जनप्रतिनिधियों की बातें सुनी जाती हैं। इसमें परिवारवाद के बजाए कार्यकर्ता को महत्व दिया जाता है। इस पार्टी में आकर मुझे परिवार का अनुभव हुआ।
प्रश्न : अब कांग्रेस छोड़ने और कांग्रेस सरकार गिराने में किसे दोषी मानते हैं?
उत्तर: कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और डॉ. गोविंद सिंह तीनों के चलते यह सरकार गिरी है। इन्होंने अपने लोगों को सौ-सौ करोड़ रुपए की रेत खदानें दिलवा दीं, अवैध उत्खनन हो रहा था। किसानों की लगातार उपेक्षा की गई।
देखिए खास बातचीत का वीडियो-