सूची में नाम आने के बाद भी बीयू के कर्मचारियों को नहीं मिल रही पदोन्नति, बीते 23 महीने से नहीं बनी कमेटी

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) के स्थापना शाखा के तत्कालीन अधिकारियों की गलती का खामियाजा 5 कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। न्यायालय के समक्ष पेश की गई वरिष्ठता सूची में 1984 व 86 में नियुक्त छह कर्मचारियों के नाम शामिल नहीं किए गए।;

Update: 2019-10-07 04:33 GMT

भोपाल। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (Barkatullah University) (बीयू) के स्थापना शाखा के तत्कालीन अधिकारियों की गलती का खामियाजा 5 कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है। न्यायालय के समक्ष पेश की गई वरिष्ठता सूची में 1984 व 86 में नियुक्त छह कर्मचारियों के नाम शामिल नहीं किए गए। इन नामों को शामिल करने के लिए 22 नवंबर 2017 को हुए निर्देश के 23 महीने बाद भी कमेटी का गठन नहीं हो पाया है। कर्मचारियों का आरोप है कि 1998 और फिर 2012 की वरिष्ठता सूची में उनका नाम था, फिर भी पदोन्नति का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार बीयू के नॉन टाइपिस्ट कर्मचारियों ने वर्ष 1995 में अपने प्रमोशन को लेकर लोवर कोर्ट में याचिका लगाई थी।

इस दौरान कोर्ट में बीयू के स्थापना शाखा द्वारा कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची पेश की गई। इस सूची में देवेन्द्र सिंह, हरदेव सिंह, जगदीश कटियार, साजिद खान, फारुख सईद व सुधा थामस के नाम शामिल नहीं किए गए। यहां कर्मचारियों की जीत हुई। लोवर कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट ने भी मान्य किया, लेकिन कर्मचारियों की वरिष्ठता सूची वही रही। हाईकोर्ट के 2012 के फैसले के बाद 22 नवंबर 2017 को इस संबंध में कमेटी बनाकर कर्मचारियों को सूची में शामिल करने के निर्देश हुए थे, लेकिन 23 महीने बाद कमेटी गठित नहीं होने से स्थिति वही की वही बनी हुई है।

मामला काफी पुराना है 

मामला काफी पुराना है। इसे देखकर ही कुछ कहा जा सकता है। कई बार कोर्ट के निर्णय, आपत्तियां जैसे अन्य कारणों से भी ऐसे मामले सामने आते हैं। चेक करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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