शिवराज सिंह ने साधा निशाना, कहा- उच्च शिक्षा मंत्री को दिल्ली जाकर नई शिक्षा नीति की बात करना शोभा नहीं देता
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य की नई शिक्षा नीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए प्रदेश के हितों के साथ-साथ अनुदान और कई मदों में रुकी हुई राशि को भी जल्द जारी कराने की मांग की।;
भेापाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य की नई शिक्षा नीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा करते हुए प्रदेश के हितों के साथ-साथ अनुदान और कई मदों में रुकी हुई राशि को भी जल्द जारी कराने की मांग की। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कमलनाथ सरकार पर तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा, कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री दिल्ली जाकर नई शिक्षा नीति व रोजगार परक शिक्षा की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। जिनकी सरकार ने मेधावी बच्चों की एमबीबीएस, इंजीनियरिंग व उच्च शिक्षा की फीस भरने और लैपटॉप वितरण जैसी योजनाओं को बंद कर दिया, उनके मुंह से ऐसी बातें शोभा नहीं देती हैं।
कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री दिल्ली जाकर नई शिक्षा नीति व रोजगार परक शिक्षा की बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। जिनकी सरकार ने मेधावी बच्चों की एमबीबीएस,इंजीनियरिंग व उच्च शिक्षा की फीस भरने और लैपटॉप वितरण जैसी योजनाओं को बंद कर दिया, उनके मुंह से ऐसी बातें शोभा नहीं देती हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 7, 2019
बता दें पिछले दिनों उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल से शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न मदों के विकास कार्यों के मद्देनजर बकाया करीब 8 सौ करोड़ रूपए की मांग की है। उन्होंने राज्य की शिक्षा नीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और अनुरोध किया कि, राज्य की वर्तमान शिक्षा पद्यति को देखने एक बार मध्य प्रदेश आएं। उन्होंने उनसे यूजीसी के सातवें वेतनमान की 50 प्रतिशत राशि की केंद्र से पूर्ति करने की मांग की। इसके लिए करीब 400 करोड़ रूपए की उन्होंने मांग की।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2019 पर चर्चा करते हुए श्री पटवारी ने उन्हें कई सुझाव दिए। नई शिक्षा नीति मध्यप्रदेश के हितों के साथ-साथ अनुदान और कई मदों में रुकी हुई राशि को भी जल्द जारी कराने की मांग की। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्रस्तावित भारतीय मुक्त कला संस्था को इंदौर में स्थापित करने का अनुरोध किया। साथ ही विश्वविद्यालय में अलग-अलग विषयों के लिए विश्व स्तरीय शोध केन्द्र सेंटर फार एक्सिलेंस को भी मध्यप्रदेश में खोलने का आग्रह किया।
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