होली पर्व धूमधाम से मनाने वन विभाग ने की शानदार तैयारी, जंगल की फूल-पत्तियों से बनाया हर्बल गुलाल

Update: 2020-03-07 12:31 GMT

ग्वालियर. त्वचा रोग की समस्याएं  लगातार बने  के कारण लोग  केमिकल से बने रंगों से बचते हुए अब  होली  खेलने से भी परहेज कर रहे हैं. ऐसे में  वन विभाग ने  एक  अभिनव प्रयोग करते हुए  जंगलों में  पाई जाने वाली फूल पत्तियों से  हर्बल  युक्त  रंग व गुलाल  बनाए हैं. जो आम इंसान की त्वचा  के लिए नुकसानदायक नहीं है. जिससे अब  आम  नागरिक  बिना अपनी स्किन को खराब किए  होली खेल सकते हैं. इतना ही नहीं  वन विभाग के जंगलों से प्राप्त पलाश व अन्य जड़ी बूटियों वाले कलर को बनाने के दौरान किसी भी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है. जिससे रंगों के इस त्यौहार को खेलने की झलक नाम इंसान में बढ़ भी गई है.

आने वाले रंगों के त्योहार होली पर केमिकल युक्त रंगों से आम लोगो को बचाने के लिए वन विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है. विभाग ने प्रदेश मे संचालित अपने संजीवनी केंद्रों से हर्बल कलर की बिक्री शुरू कर दी है. विभाग का कहना है कि ये कलर पूर्णतः शुद्ध प्राकृतिक तत्वों से बने है जो त्वचा के अनुकूल है. हर्बल कलर भी ऐसे जिसमें हर रंग बिखरे हुए हैं जैसे पलाश के फूलों से बने लाल, पीले ,हरे ,नीला और सफेद किसी भी रंग के गुलाल को आप वन विभाग के केंद्र से हासिल कर सकते हैं. आप जमकर होली खेलेंगे लेकिन उसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा.

डीएफओ अभिनव पल्लव ने कहा कि जिन लोगों को अपनी त्वचा से प्यार है और वे अपने किसी अजीज को गुलाल या रंग लगा कर होली की शुभकामनाएं देना चाहते हैं, उनको भी इन हर्बल गुलाल और रंगों का विकल्प मिल गया है. लेकिन ग्राहकों की भी यह चाहत है कि वन विभाग ने अपने दफ्तर के बाहर संजीवनी केंद्र पर तो इन रंगो की बिक्री का केंद्र बनाया है. अगर शहर के अन्य जगह पर इस तरह के कलर या गुलाल  बेचने के आउटलेट खोले जाएं तो इसका ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा मिल सकेगा.

ग्राहक शैलेंद्र शर्मा ने कहा कि केमिकल वाले रंग और गुलाल अब लोगों की पसंद नहीं रहे हैं.. ऐसे में हर्बल कलर व गुलाल वाले उत्पादों मिलने वे भी सरकारी एजेंसी के आउटलेट से मिलने पर लोगों का भरोसा बढ़ा है. क्योंकि इन परंपरागत पलाश के फूलों, जंगली हर्बल पौधों के पत्तों से बने रंग पाकर होली के हुरियारे भी होली खेलने के प्रति उत्सुक दिखाई दे रहे हैं. ताकि इस  प्रेम के रंग को लगाने और लगवाने में किसी को कोई असहजता महसूस ना हो और सभी खुशी खुशी अपना गाल आगे कर दें.

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