Interview / कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष ही काफी हैं : शिवराज सिंह चौहान
शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्हें वहां के बच्चे मामा बुलाया करते हैं। मध्यप्रदेश की राजनीति में उन्होंने अपना एक अलग मुकाम तो हासिल किया, देश की राजनीति में वे भाजपा से बड़ी जिम्मेदारी लेकर 14 प्रदेशों का दौरा कर रहे हैं।;
शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्हें वहां के बच्चे मामा बुलाया करते हैं। मध्यप्रदेश की राजनीति में उन्होंने अपना एक अलग मुकाम तो हासिल किया, देश की राजनीति में वे भाजपा से बड़ी जिम्मेदारी लेकर 14 प्रदेशों का दौरा कर रहे हैं। अब तक 125 से अधिक सभाएं कर चुके हैं। अपनी मेहनत, पराक्रम, पुरुषार्थ के बलबूते उन्होंने 13 साल भाजपा का मध्यप्रदेश में नेतृत्व किया। शिवराज सिंह मानते हैं कि भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अमित शाह आधुनिक भारत के चाणक्य हैं, वहीं कांग्रेस को हराने के लिए वे केवल कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को ही पर्याप्त मानते हैं। और क्या कहते हैं वे जानते हैं:-
सवाल: विधानसभा चुनाव में पार्टी को हार मिली। अब आम चुनाव में सुबह से लेकर रात तक दौड़ लगा रहे हैं। क्यों?
शिवराज सिंह चौहान: गौरवशाली, संपन्न, शक्तिशाली, समृद्ध भारत और वैभवशाली भारत बनाने के लिए। उस भारत का निर्माण सपना था पं. दीनदयाल उपाध्याय का, श्यामाप्रसाद मुखर्जी का। इनसे पहले स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरविंद का भी यही स्वप्न था। यही सपना था हेड़गेवार गुरुजी का, महात्मा गांधी का। इसी भारत के लिए अपना जीवन आहूत किया अटल बिहारी वाजपेयी जी ने,आडवानी जी ने, लेकिन वैसे भारत का उदय मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है। अमित जी की अध्यक्षता में हो रहा है। इसलिए मेरा कर्तव्य है कि भारतीय जनता पार्टी को मैं पूर्ण बहुमत दिलाने में अपना प्रयास करूं, ताकि भारत को उसका वास्तविक स्थान मिल सके। मैं स्पष्ट रूप से देख रहा हूं कि भारत माता एक बार फिर विश्व गुरु के पद पर प्रतिष्ठित हो रही हैं।
सवाल: आप कह रहे हैं नए भारत का उदय हो रहा है। लेकिन विपक्षी कह रहे हैं कि भारत रसातल में जा रहा है। अर्थव्यवस्था की कमर टूट चुकी है। रोजगार नहीं हैं?
शिवराज सिंह चौहान: भारत दुनिया की छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। इस गति से बढ़ते रहे तो जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे। आर्थिक विकास दर के मामले में हम दुनिया में पहले नंबर पर हैं। विदेशी मुद्रा भंडार भर रहा है। महंगाई घटी है। विकास हुआ है। आधारभूत संरचना का विकास हुआ है। अकेले उसी में दो करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। हमारे उद्योग, सड़क, जलमार्ग, बिजली की परियोजनाएं, िजसमें विंड और सोलर एनर्जी भी शामिल है, दसों दिशाओं में विकास हो रहा है।
सवाल: तो आप इस आंकड़े को आप क्या मानते हैं कि जिसमें आरोप लगाए जा रहे हैं कि पौने पांच करोड़ रोजगार खत्म हो गए?
शिवराज सिंह चौहान: यह विरोधियों का प्रोपेगेंडा है। कुछ तो लोग कहेंगे। मोदी जी की आरती तो उतारेंगे नहीं, वे कुछ न कुछ ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ बातें कहते हैं।
सवाल: जब चुनाव शुरू नहीं हुए थे, तब भाजपा अपने कामों की बात करती थी, अब जब चुनाव अपने अंतिम चरण में हैं, तो मोदी राजीव गांधी की तरफ मुखातिब हो गए हैं। आखिर ये गाड़ी ट्रैक से उतर क्यों गई?
शिवराज सिंह चौहान: मोदी जी दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता हैं। किसी भी कसौटी पर परखिए। उनके भाषण में विकास की बात होती है, जनकल्याण की बात होती। क्या मोदी ये नहीं कहते कि 2022 तक हर गरीब का अपना पक्का मकान हो, हर गरीब के घर बिजली हो। उज्जवला रसोई गैस, सड़क, किसानों को पेंशन, छोटे दुकानकारों को बिना गारंटी का लोन सब पर तो बात करते हैं। वे भावी भारत का नक्शा भी खींचते हैं। इन सबके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा क्या मुद्दा नहीं, आंतरिक सुरक्षा मुद्दा नहीं है? एक समय था जब पाकिस्तान से आतंकी आते थे, भारत को लहुलुहान करते थे, मुंबई हमला उदाहरण है। कई ऐसे मामले हैं। तबकी भारत सरकार दुश्मन से आंख मिलाकर बात नहीं करती है। मैं सीधी गांव गया था, जहां के शहीद सुधाकर का शीश काटकर आतंकी पाकिस्तान ले गए थे, उनकी पत्नी एक ही बात कहती थी कि मेरे पति का शीश लाकर दे दो, मैं उनके अंतिम दर्शन करना चाहती हूं। लेकिन उस समय की निकम्मी सरकार में इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि उनका शीश ला पाती। उनके सिर्फ धड़ का अंतिम संस्कार करना पड़ा। एक वो दृश्य था। आज उरी, पुलवामा में आतंकी हमला हुआ, तो पाकिस्तान में ऐसे घुसकर मारा कि पाकिस्तान को न हंसते बन रहा है और न रोते बन रहा है। और अभिनंदन का मामला आपको मालूम है। कह दिया था कि खरोंच भी आई, तो पाकिस्तान सोच ले। क्या इससे भारत का गर्व नहीं बढ़ा। आज हम स्वाभिमान के साथ खड़े हैं।
सवाल: मेरा सवाल यही है कि जब आप इतना सब कुछ कर चुके हैं, तो आपको 21 साल पहले जाकर राजीव गांधी का उल्लेख करने की क्या जरूरत है, जो शहीद हो चुके हैं?
शिवराज सिंह चौहान: चौकीदार चोर है, ये कहने वाले कौन है। उनका जीवन पारदर्शी रहा है। उन्होंने अपना जीवन भारत माता के चरणों में अर्पित किया है। संघ के प्रचारक के रूप में खूब काम किया। राजनीति में वे आना नहीं चाहते थे, उन्हें भेजा गया। गुजरात के मुख्यमंत्री भी नहीं बनना चाहते थे, संगठन ने तय किया। फिर पार्टी और देश ने तय किया कि वे प्रधानमंत्री बनें। ऐसे प्रधानमंत्री के खिलाफ नारे लगवाना क्या शालीनता है? वह भी ऐसी बेशर्मी से कि चौकीदार चोर है। सुप्रीम कोर्ट ने डांट दिया तो कहा कि नहीं, चौकीदार चोर नहीं है। बाहर आकर फिर वही। फिर बिना शर्त माफी मांगते हैं। तो बात निकलेगी तो दूर तलक जाएगी ही।
सवाल: चौकीदार चोर का नारा राफेल के मुद्दे पर कांग्रेस ने लगाया। भ्रष्टाचार के इस मुद्दे पर आप क्या कहेंगे?
शिवराज सिंह चौहान: मैं जज नहीं हूं, लेकिन संसद में रक्षामंत्री व अन्य मंत्रियों ने विषय को रखा। विपक्ष ने गलत ढंग से पेश किया। राहुल गांधी इतने सक्षम नहीं कि गलत बात को प्रचारित करने में सफल हो जाएं। वो खुद एक्सपोज हो गए हैं। लोग मोदी जी पर आंख बंद करके भरोसा करते हैं।
सवाल: राहुल गांधी की स्थिति को इस आम चुनाव में आप कैसे देख रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: मुझे बहुत दुख है यह कहते हुए कि इतने बड़े राजनीतिक दल, जो 125 साल से ज्यादा पुराना है, जिसका आधार हालांकि एक विदेशी ने रखा, पर राष्ट्रीय आंदोलन में जिसकी अपनी बड़ी भूमिका है। हालांकि महात्मां गांधी ने कहा था कि इसे स्वतंत्रता के बाद भंग कर दिया जाना चाहिए। लेकिन आजादी की लड़ाई का फायदा अपने लिए लेने नेहरू जी ने ऐसा नहीं किया। अब उस कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा था कि मध्यप्रदेश में सरकार बनते ही दस दिन के भीतर किसानों का कर्जा माफ करेंगे। अब चार महीने से ज्यादा हो गए हैं, अब कह रहे हैं कि सिर्फ फसली ऋण की बात की थी। उसमें बैरियर लगा रहे हैं। अब न्याय योजना की बात करते हैं और जब उनसे पूछते हैं कि पैसा कहां से आएगा तो कहते हैं अनिल अंबानी की जेब से निकालेंगे। ऐसी बचकानी बात करने वाले सपने देख रहे हैं प्रधानमंत्री बनने की। मैं सच कहता हूं कि कांग्रेस को हराने के लिए कांग्रेस के अध्यक्ष ही काफी हैं। उनके अलावा सैम पित्रोदा कह रहे थे कि जो हो गया, सो हो गया। तो एक ही उल्लू काफी है बर्बाद गुलिस्तां करने को, हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा? मणिशंकर अय्यर हैं, शशि थरूर हैं, बहुत से लोग बैठे हैं।
सवाल: आप जिन अध्यक्ष की बात कर रहे हैं, उन्हीं के नेतृत्व में तीन राज्यों की विधानसभा चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। एेसे अध्यक्ष को आप किसी योग्य नहीं समझ रहे?
शिवराज सिंह चौहान: कारण हम खुद हैं। मध्यप्रदेश में अगर हम हारे हैं, तो शिवराज सिंह चौहान के कारण हारे हैं, राहुल गांधी के कारण नहीं।
सवाल: लेकिन राजस्थान में वसुंधरा जी और छत्तीसगढ़ में रमन सिंह जी ने ये नहीं कहा कि उनके कारण हारे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: मैं मध्यप्रदेश की बात करूंगा, क्योंकि मैं मुख्यमंत्री था।
सवाल: कांग्रेस तो इसी बात को देश के सामने रख रही है कि राहुल गांधी के नेतृत्व में ही तीन राज्यों में जीत िमली। और आप इसे इतनी आसानी से खारिज कर रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: दिल को बहलाने को गालिब खयाल अच्छा है। मध्यप्रदेश में स्थिति देख लीजिए।
सवाल: जब सबकुछ अच्छा था, तो इतने सारे सांसदों की टिकट काटने की जरूरत क्यों पड़ी?
शिवराज सिंह चौहान: यह तो पार्टी तय करती है। पार्टी यह देखती है कि उपयुक्त कौन है। और जो सांसद बनते हैं तो उनके टिकट कटते भी हैं। और इसमें कड़े निर्णय वाली कोई बात नहीं है। किसी के नाम का पट्टा नहीं लिखा है।
सवाल: विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के घोषणा पत्र को भाजपा हार का एक कारण मानती है, जिसमें कर्जमाफी जैसी बात कही गई थी। लोकसभा के संदर्भ में क्या 72 हजार रुपए वाली न्याय योजना ऐसा कोई चमत्कार कर सकती है?
शिवराज सिंह चौहान: काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती। कर्जमाफी का वादा झूठा साबित हुआ। किसान भरे बैठे हुए हैं। पुराने वादे ही पूरे नहीं किए। मध्यप्रदेश में बेटियों को चार से बारह हजार रुपए देते थे, उसे छीन लिया, माता बहनों के साथ अन्याय किया। मेरे भांजे-भांजियों की फीस, जो मैं भरवाता था, उसे बंद करवा दिया, वो न्याय की बात कैसे कर सकते हैं। उन्होंने मजदूरों के लिए जो संबल योजना बनी थी, वो बंद कर दी। एक्सीडेंट पर हम दो से चार लाख देते थे, अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपए देते थे, ऐसा अन्याय करने वाले न्याय की बात नहीं कर सकते।
सवाल: भाजपा के राष्ट्रवाद पर केजरीवाल आरोप लगाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मिलीभगत है। दोनों के बीच कुछ चल रहा है। क्या कहेंगे?
शिवराज सिंह चौहान: अरविंद केजरीवाल कोई सवाल पूछे, और शिवराज सिंह जवाब दे, इसकी जरूरत नहीं है। केजरीवाल भारतीय राजनीति के बड़े जोकर बन चुके हैं, इसलिए मैं उनकी बातों को गंभीरता से लेता ही नहीं।
सवाल: भाजपा प्रधानमंत्री को अंतरराष्ट्रीय नेता के तौर पर स्थापित कर रही है। क्या आप ऐसे काम बता सकते हैं, जो उन्हें यह दर्जा देता हो?
शिवराज सिंह चौहान: मसूद अजहर ताजा मामला है, जिसे यूएन ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया। अंतत: चीन को भी झुकना पड़ा। यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का चमत्कार है। 21 मई को योग दिवस को मनाने का फैसला भी उन्हीं के प्रभाव से यूएन ने लागू करवाया।
सवाल: भाजपा में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि पार्टी एक व्यक्ति मोदी जी के ईर्द-गिर्द ही नज़र आ रही है। ऐसा क्यों?
शिवराज सिंह चौहान: क्या अटल जी को प्रोजेक्ट नहीं किया था भाजपा ने। देश का नेता कैसा हो, अटल बिहारी जैसा हो, के नारे लगे थे। हम इस सच्चाई को मानते हैं। लीडर की जरूरत है। मुझे भी मध्यप्रदेश में प्रोजेक्ट किया गया। जब जरूरत पड़ती है तो नेता को पार्टी प्रोजेक्ट करती है। मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्री प्रभावी ढंग से काम नहीं कर पाए क्योंकि जनता उनके पीछे नहीं थी। कांग्रेस ने उन्हें कठपुतली बनाकर रख दिया। जननायक के रूप में जनता मोदी जी को देखती है। पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी ये सब जनता के प्रधानमंत्री रहे।
सवाल: आपने अटल जी के साथ भी काम किया और मोदी जी के साथ भी। मोदी जी में ऐसी क्या खूबी रही कि जो काम अटल जी न कर पाए, वो मोदी जी ने कर दिया, भाजपा को बहुमत दिलाकर?
शिवराज सिंह चौहान: दोनों का व्यक्तित्व अलग है। अटल जी हमारी और मोदी जी दोनों की प्रेरणा हैं। यह शायद पहली बार होगा कि प्रधानमंत्री उनके अंतिम संस्कार में पैदल चले। एक प्रधानमंत्री को जरूरत नहीं थी। उसी वाहन पर सवार हो सकते थे। यह अतिशय श्रद्धा थी। वे एक अद्भुत जननायक थे। सीटों का मामला अलग है। नरेंद्र मोदी जी ने 30 साल बाद स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाई। यह इसलिए संभव है क्योंकि वे सातों दिन 24 घंटे देश के बारे में सोचते हैं। वे परवाह नहीं करते कि किसको अच्छा लगेगा या किसको बुरा लगेगा। मैं उदाहरण देता हूं कि 75 साल में राजनीति से रिटायर करने की बात आसान नहीं थी। लेकिन कड़े फैसले नहीं लेंगे, तो नेतृत्व कैसे चलेगा। मोदी जी को कहीं कंफ्यूजन नहीं है। जो वे करते हैं बिल्कुल स्पष्ट होता है।
सवाल: आपने कई अध्यक्षों के साथ काम किया है। अमित शाह जी उनमें अलग कैसे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: उनकी क्षमता अद्भुत है। उनसा परिश्रम करने वाला दूसरा व्यक्ति नहीं देखा। रेत में से तेल निकालना हो, तो हम कहेंगे कि नहीं निकल सकता, लेकिन अमित शाह बोलेंगे कैसे नहीं निकलेगा। कौन कह सकता था कि असम और पूर्वोत्तर में भाजपा नहीं आ सकती, लेकिन आई और ये बात अमित शाह कहते थे। महाराष्ट्र, हरियाणा का उदाहरण सामने है। भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाना उनका संकल्प था। चुनावी सफलता अलग बात है, लेकिन वे भारतीय राजनीति के आधुनिक चाणक्य हैं। वे राष्ट्रहित और जनहित के लिए सफलता हासिल करने के रास्ते निकालते हैं। भाजपा की सरकार बनाने की क्षमता और दमखम अिमत शाह के पास है।
सवाल: अगर अमित शाह चाणक्य हैं, तो क्या नरेंद्र मोदी चंद्रगुप्त मौर्य हैं?
शिवराज सिंह चौहान: नरेंद्र मोदी अमित शाह जी के नेता है। भारतीय जनता पार्टी को ईश्वर का वरदान है कि हमें इतनी अच्छी समझ वाली जोड़ियां मिलती हैं। डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी औरपं. दीनदयाल उपाध्याय पहली जोड़ी, जिन्होंन नीव डाली और काम को आगे बढ़ाया, अटल जी और आडवाणी जी की जोड़ी, उनके काम को आगे बढ़ाया और अटल जी प्रधानमंत्री बने। अटल जी और आडवाणी जी के बाद मिले अमित शाह और मोदी जी। अमित शाह कहते हैं कि ये भाजपा का सर्वश्रेष्ठ नहीं, सर्वश्रेष्ठ अभी आना बाकी है। हम 300 सीटें जब पार करेंगे, जब केरल, तमिलनाडु, पं. बंगाल, ओडिशा में भाजपा की सरकारें बनेंगी, तब आएगा सर्वश्रेष्ठ।
सवाल: आप आडवाणी जी की बात कर रहे हैं। लेकिन भाजपा की सफलता के इन क्षणों में भाजपा ने आडवाणी जी को अलग थलग कर दिया?
शिवराज सिंह चौहान: ये आपके देखने का नजरिया है। वे प्रधानमंत्री के मार्गदर्शक हैं, उनके गाइड फिलॉसफर हैं। जहां तक उनके टिकट काटने का फैसला है, तो यह पार्टी का फैसला हुआ और उसके दायरे में सब आएंगे, उसमें मोदी जी भी आएंगे, जब वो 75 के होंगे।
सवाल: आप चार महीने पहले विधानसभा हारे हैं, फिर भी हौसला बुलंद है आम चुनाव में? 165 से 109 सीटें रह गईं आपकी।
शिवराज सिंह चौहान: मध्यप्रदेश में दो मुद्दे हैं पहला मोदी जी का जो असर देश में दिख रहा है, वही मध्यप्रदेश में। दूसरा मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार वरदान बन गई भाजपा के आम चुनाव के लिए। लोगों को समझ में आ गया कि क्या हो गया। कांग्रेस ने चार महीने में तबाही मचा दी है। हर मोर्चे में विफल रही। सड़क, किसान, मजदूर, जनता सब त्राही त्राही कर रहे हैं। लोगों को मामा याद आ रहे हैं। इसलिए लोग इस निकम्मी सरकार के खिलाफ लोग मोदी को वोट देंगे। लोगों ने कांग्रेस सरकार कार्यशैली देख ली और बेहद निराश हुई।
सवाल: कर्जमाफी के मामले में कांग्रेस तो पूरी सूची आपके घर ले आई। आप और क्या अपेक्षा कर रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: पुरानी सूची लेकर आ गए वो लोग। मूर्ख समझते हैं क्या? कर्जमाफ तो तब होगा, जब बैंक सर्टिफिकेट देगा। बैंक नो ड्यूज का सर्टिफिकेट तब देगा, जब उसे पैसे मिल जाएंगे। कांग्रेस ने कहा था किसानों का दो लाख रुपए तक का सब कर्जा माफ और आदेश निकाला, अल्पकालीन फसली ऋण माफ होगा। बाकी किसानों ने क्या पाप किया? बड़ी संख्या इसी से बाहर हो गई। छलावा किया, झूठ बोले, धोखा दिया। इसके बाद 4800 करोड़ चाहिए। बैंकों को 1300 करोड़ दिए। मैं हर सभा में पूछता हूं, कर्ज माफ हुआ क्या, लोग कहते हैं नहीं।
सवाल: आप कमलनाथ पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे हैं। वे कई बार के मंत्री रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: मैं नहीं कह रहा, लोग कह रहे हैं।
सवाल: लोग आरोप लगा रहे हैं कि आप इस सरकार को काम नहीं करने दे रहे हैं? कह रहे हैं कि बिजली आप मैनेज कर रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: अगर वे ऐसा कह रहे हैं तो वे मुख्यमंत्री के लायक ही नहीं है। नाच न जाने आंगन टेढ़ा। संभल नहीं रही, तो आरोप हम पर लगा रहे हैं।
सवाल: मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पार्टी अध्यक्ष राकेश सिंह भी हैं, लेकिन हर जगह नजर आ रहे हैं शिवराज सिंहचौहान?
शिवराज सिंह चौहान: अध्यक्ष पूरी ताकत के साथ संभाल रहे हैं। विधानसभा में अपराजेय योद्धा हैं नेता प्रतिपक्ष हैं। वे संसदीय ज्ञान के पुरोधा है। मुझे पार्टी चुनाव प्रचार के लिए भेज रही है। मैं पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं, उस नाते मुझे हर जगह जाना होता।
सवाल: इतनी मेहनत कहीं लोकसभा के बाद किसी उलटफेर के लिए तो नहीं हो रही?
शिवराज सिंह चौहान: कोई उलटफेर नहीं होने वाला। अगर उलटफेर करना होता, तो ये सरकार नहीं बनती। सीट ज्यादा मिली है कांग्रेस को तो उन्हें पहले मौका मिलना चाहिए था, यह नैतिक फैसला था। 114 सीटें ही तो मिली थीं कांग्रेस को। क्या राजनीतिक समीकरण में इतनी आसानी से ये फैसला हो जाता। हमने नैतिकता का परिचय दिया। अगर सरकार अपने अंतर्विरोध से गिर जाए, तो अलग बात है। जिस तरह ज्योर्तिआदित्य सिंधिया ने बसपा कैंडिडेट को कांग्रेस ज्वाइन करवाया, उससे मायावती आगबबूला हो गईं हैं। राजस्थान में भी मायावती ने कहा है। कमलनाथ को भी कांग्रेस के लोग कमजोर करने में लगे हैं।
सवाल: एक हार से पार्टी कमजोर क्यों हो रही है? मौजूदा सांसद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं? कार्यकर्ता कांग्रेस में जा रहे हैं?
शिवराज सिंह चौहान: ऐसा नहीं है। कुछ ऐसे लोग होते हैं, जिनका नाता सरकार और सत्ता से ही होता है, ऐसे लोग छलांग लगाते हैं। आयाराम गयाराम चुनावों को प्रभावित नहीं करते।
सवाल: भोपाल के लिए इतने सारे लोग थे। उमा भारती ने भी कई नाम दिए। पर बाहर से कैंडिडेट लाना पड़ा?
शिवराज सिंह चौहान: बात भरोसे की नहीं, स्टैंड लेने की है। हमने स्टैंड लिया। हिन्दुत्व को बदनाम करने की साजिश हुई, भगवे को बदनाम किया गया। जो विचार दुनिया का कल्याण चाहता है, उस हिन्दू विचार को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश कांग्रेस ने की। इसके सूत्रधार थे दिग्विजय सिंह। चिदंबरम भी इसमें शामिल थे। इस साजिश का शिकार हुईं साध्वी प्रज्ञा। अमानवीय प्रताड़नाएं दी गईं, नौ साल जेल में रखा। पीटा गया, उनका शरीर टूट गया। हमने स्टैंड लिया कि जिन्होंने हिन्दुत्व को बदनाम करने की साजिश की, उनको जवाब देने का इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता, इसलिए यह स्टैंड लिया।
सवाल: दिग्विजय सिंह से इतनी घृणा क्यों कि मुंह से नाम निकल गया, तो आपको कहना पड़ा कि नहाना पड़ेगा?
शिवराज सिंह चौहान: बैर या घृणा नहीं। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता है। कुछ बातें हैं, जो दिल को तकलीफ देती हैं, जैसे ओसामा जी कहते हैं। बटाला एनकाउंटर में आतंकियों के घर जाकर दुख प्रकट कर रहे थे, पुलवामा के आतंकी हमले को दुर्घटना बताना, ये सब चीजें तकलीफ देती हैं। यह दर्द पैदा करता है।
सवाल: पिछली बार मध्यप्रदेश में आपकी सरकार थी। 29 में से 27 सीटें आई थीं। इस बार कांग्रेस की सरकार है, कितनी आएगी?
शिवराज सिंह चौहान: 29 में से 29 आएंगी।
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