कांग्रेस से भाजपा में इस तरह शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया, पत्नी के परिवार ने निभाई भूमिका

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। जिसके बाद बताया जा रहा है कि सिंधिया की पत्नी के परिवार ने उनके इस फैसले में खास भूमिका निभाई थी।;

Update: 2020-03-10 14:26 GMT

ज्योतिरादित्य सिंधिया, पिता माधवराव सिंधिया की मृत्यु के बाद 18 दिसंबर 2001 को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। उसके बाद से कदम से कदम मिलाकर लगातार वो कांग्रेस पार्टी के साथ चलते रहे। जिस ज्योतिरादित्य सिंधिया के मन में कांग्रेस पार्टी के लिए इतनी श्रद्धा थी वो अचानक कैसे खत्म हो गई? आखिर कैसे अचानक कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसा मान पाना किसी के लिए भी इतना आसान नहीं है।

रिपोर्ट के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया के मन में अचानक से आए इस बदलाव के पीछे उनकी ही पत्नी का परिवार है। कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के निर्णय में उनकी पत्नी के बड़ौदा राजपरिवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इस तरह से शामिल हुए बीजेपी में

बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार में बगावत लाने की पहल नरोत्तम मिश्रा ने की थी। लेकिन वो इसमें सफल नहीं हो सके। फिर नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बीच मीटिंग हुई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया से बात करने की जिम्मेदारी नरेंद्र सिंह तोमर को दी गई। जिसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर की मुलाकात तीन दिन पहले हुई। जिसमें सारी रणनीति का ताना-बाना बुना गया।

बगावत की आहट मिलते ही परेशान हुए कांग्रेसी

सोमवार को जब कांग्रेस में बगावत की आहट मिली। तब सचिन पायलट सहित कांग्रेस के सभी नेता उनको मनाने में जुट गए। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भी ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलना चाहते थे। लेकिन सिंधिया ने मिलने से साफ इनकार कर दिया।

जिसके बाद आनन-फानन में कैबिनेट की बैठक बुलाई गई। जिसमें सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कैबिनेट के सभी मंत्री इस्तीफा दे दें। ताकि जो मंत्री अभी नाराज चल रहे हैं, उनको कैबिनेट में स्थान दिया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार मंत्रियों ने इस्तीफे दे भी दिए। जिसके बाद कमलनाथ ने मंगलवार को फैसला सुनाने की बात कही। लेकिन इससे पहले की इधर कोई फैसला लिया जाता, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 20 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया।

पत्नी के परिवार ने निभाई भूमिका

ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस से कई गिले शिकवे थे। चाहे वो मुख्यमंत्री पद को लेकर हो, प्रदेश अध्यक्ष न बनाने को लेकर हो या राज्यसभा न भेजे जाने का हो। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कभी कांग्रेस पार्टी को छोड़ने के बारे में नहीं सोचा। वो कांग्रेस और राहुल गांधी के सपोर्ट में हमेंशा खड़े रहे।

लेकिन फिर अचानक जानकारी मिली कि उन्होंने बीजेपी के नेताओं से मिलना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी के बड़ौदा परिवार ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बड़ौदा परिवार की महारानी ने ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को मनाया था कि वो बीजेपी से संपर्क करें। जिसके बाद उन्होंने बीजेपी के नेताओं से मिलना शुरू किया था। फिर अंत में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

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