रायरू डिस्टलरी पर अंधाधुंध पानी खींचने की शिकायत, PHE की रिपोर्ट में पाया गया 3 माह में 15 सीट जल स्तल गिरा
रायरू स्थित ग्वालियर एल्कोब्रू प्राइवेट लिमिटेड डिस्टलरी में जिला प्रशासन की छापामार कार्रवाई के बाद कलेक्टर के निर्देश पर पीएचई विभाग ने रायरू फार्म का आसपास के क्षेत्र के जलस्तर की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है।;
ग्वालियर। रायरू स्थित ग्वालियर एल्कोब्रू प्राइवेट लिमिटेड डिस्टलरी में जिला प्रशासन की छापामार कार्रवाई के बाद कलेक्टर के निर्देश पर पीएचई विभाग ने रायरू फार्म का आसपास के क्षेत्र के जलस्तर की रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में रायरू फार्म व आसपास के गांव में जल स्तर 15 फीट गिरना बताया गया है।
क्षेत्र में 200 फ़ीट तक अब जमीन में पानी नहीं है। 3 महीने पहले तक 185 फीट पर पानी था इसके पीछे आशंका यह है कि रायरू डिस्टलरी सहित बड़ी इकाइयों द्वारा बड़ी मात्रा में बोरिंग से अंधाधुन पानी खींचा जा रहा है। जिससे पूरे क्षेत्र का जलस्तर प्रभावित हो रहा है।
आसपास के ग्रामीण लोगों की समस्या यही तक सीमित नहीं है। फैक्ट्री से निकलने वाला बेस्ट वाटर का सही तरीके से मैनेजमेंट एवं डिस्पोज ना होने के कारण क्षेत्र के लोगों को बेहद ही गंदा पानी पीने के लिए मिल रहा है। खेतों में छोड़ा जा रहा गंदा पानी कृषि भूमि की उर्वरक क्षमता को भी खत्म कर रहा है। पीएचई की रिपोर्ट से यह बात स्पष्ट हो गई है कि क्षेत्र में एक और बेहद गंदा पानी पीने के लिए मिल रहा है तो वही दूसरा क्षेत्र का वाटर लेवल 3 महीने में 15 फीट तक नीचे गिर चुका है।
आपको बता दें कि रायरू स्थित डिस्टलरी पर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने एडीएम एसडीएम और विभिन्न विभागों के साथ बीते मंगलवार को औचक छापामार कार्रवाई की थी। कार्रवाई के दौरान शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न केमिकल्स और अन्य पदार्थों के सैंपल भी लिए गए थे।
वहीं 5 नमूने फूड एंड सेफ्टी ऑफिसर द्वारा लिए गए इसके साथ ही मिक्सिंग प्लांट डायवर्सन शुल्क सीएसआर फंड से 3 वर्षों में किए गए कार्यों डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान डिस्टलरी की स्टॉक पंजी को भी कलेक्टर द्वारा चेक किया गया। जिसमें कई तरह की अनियमितताएं सामने आई थी।
कलेक्टर के निर्देश पर क्षेत्रीय एसडीएम द्वारा डिस्टलरी प्रबंधन से डायवर्सन शुल्क और जमीन संबंधी दस्तावेज मांगे हैं जिसकी भूमि सत्यापन की रिपोर्ट एसडीएम द्वारा प्रस्तुत की जाएगी वही वेस्ट मटेरियल की जांच के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है।
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