मध्यप्रदेश : संकट में सरकार, ज्योतिरादित्य सिंधिया पर टिकीं निगाहें

सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्हें राज्यसभा और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इसके बदले बीजेपी एमपी में अपनी सरकार बनाएगी। पूरी खबर-;

Update: 2020-03-10 02:44 GMT

भोपाल। मध्यकप्रदेश में कमलनाथ सरकार के मंत्रियों के इस्तीफे के बाद यह साफ हो गया है कि सरकार बेहद संकट में है। पिछले कुछ दिनों से जारी गतिविधियों के सवालों का जवाब देते हुए कांग्रेस के नेता और खुद सीएम कमलनाथ भले यह कहते रहे कि सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन होली के एक दिन पहले 9 मार्च के घटनाक्रम ने साफ कर दिया कि सरकार में सब कुछ ठीक नहीं है। इसी दिन देर रात मंत्रियों के इस्तीफे ने साबित ही कर दिया कि सरकार में कुछ भी ठीक नहीं है।

इसी बीच कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री के दावेदार रह चुके ज्योतिरादित्य ने दावा कर दिया है कि 40 विधायक उनके समर्थन में हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ और सिंधिया के बीच फासलों और दोनों नेताओं की खेमेबाजी की खबरों के बीच यह अनुमान भी लगाया गया कि जल्द ही सिंधिया को या तो उपमुख्यमंत्री बनाया जा सकता है या फिर उन्हें मध्यप्रदेश से ही राज्यसभा भेजा जा सकता है। मध्यप्रदेश में रिक्त हो रहीं तीन राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव होना है। इनमें से एक सीट पर दिग्विजय सिंह का चुनाव लड़ना लगभग तय है।

इससे पहले सोमवार को मुख्युमंत्री कमलनाथ ने राज्यद में जारी सियासी संकट के मद्देनजर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा था कि सब ठीक है। कमलनाथ का कहना था, 'बैठक में राज्य के सियासी संकट और राज्यसभा चुनाव पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल में विस्तार पर भी चर्चा हुई। राज्यसभा उम्मीदवारों पर भी बातचीत हुई है।' हालांकि कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की नाराजगी और उनके कई करीबियों के संपर्क में नहीं होने के सवाल पर कमलनाथ ने कोई जवाब नहीं दिया था।

अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सिंधिया बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। उन्हें राज्यसभा और मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है। इसके बदले बीजेपी एमपी में अपनी सरकार बनाएगी।

खबर है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तथा उनके समर्थक 20 विधायकों ने अपना मोबाइल बंद कर दिया है। अगर कांग्रेस में तख्तापलट होता है तो भाजपा की तरफ से शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री होंगे।

आज शाम भाजपा ने अपने विधायक दल की बैठक बुलायी है। बैठक में शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुन लिया जायेगा। मध्यप्रदेश भाजपा के सभी दिग्गज नेता भोपाल बुला लिए गए हैं। इसके एवज में ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यसभा भाजपा की तरफ से भेजे जायेंगे, वहीं केंद्रीय कैबिनेट में भी उन्हें जगह दी जायेगी। कांग्रेस के सिंधिया समर्थक 6 मंत्री सहित 17 विधायकों से लापता होने का गणित यही सामने आ रहा है।

हालांकि इसके पीछे कुछ मुश्किलें हैं। अगर भाजपा के साथ सिंधिया समर्थक 17 विधायक गये, तो सभी की विधायकी चली जायेगी, ऐसे में क्या विधायक अपनी कुर्सी और विधायकी दांव पर लगाने को तैयार होंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है। ऐसे में सिंधिया की भूमिका क्या होगा, इस पर भी सभी की नजर होगी।

कांग्रेस विधायक दल ने अपने सदस्यों की बैठक सीएम हाउस में बुलाई है। खबर है कि राज्यपाल लालजी टंडन आज लखनऊ से भोपाल पहुंचेंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे और अपने दिवंगत पिता स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हुए श्रद्धांजलि देंगे। वहां वे संबोधन में कुछ ऐलान भी कर सकते हैं।

बीते शाम को सिंधिया की भाजपा के चार बड़े नेताओं से मुलाकात की खबर है। हालांकि कब कहां और किनसे ये मुलाकात हुई है, इसे लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं आयी है। कमलनाथ सरकार के जिन मंत्रियों को बेंगलुरू ले जाया गया है, उनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गोविंद राजपूत, प्रभुराम चौधरी, इमारती देवी और महेंद्र सिसोदिया शामिल हैं। ये सभी मंत्री सिंधिया गुट के माने जाते हैं। जो 17 विधायक 3 चार्टर प्लेन की मदद से दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचाए गए हैं, उनमें राजवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, गिरिराज दंडोतिया, बिजेंद्र यादव, जसपाल जज्जी, रणवीर जाटव, कमलेश जाटव, जसवंत जाटव, रक्षा सिरोनिया, मुन्ना लाल गोयल, सुरेश धाकड़, रघुराज कसाना, हरदीप सिंह डंग शामिल हैं। 

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