आईएएस बनकर कप्तान से मिलने पहुंचा नटवरलाल, पुलिस कप्तान ने फर्जी कलेक्टर को पहुंचाया हवालात
अपने आपको बैतूल का एडीएम बताकर पुलिस कप्तान से मिलने पहुंचा युवक कप्तान अमित सिंह के सवालों के भंवरजाल में इस कदर फंसा कि उसे हवालात की हवा खानी पड़ी। फर्जी आईएएस बनकर कप्तान को मिठाई खिलाने पहुंचे युवक राकेश कुमार साहा ने यह सोचा भी नहीं होगा कि उसका यह दुस्साहस उसे कितना महंगा पड़ेगा।;
जबलपुर। अपने आपको बैतूल का एडीएम बताकर पुलिस कप्तान से मिलने पहुंचा युवक कप्तान अमित सिंह के सवालों के भंवरजाल में इस कदर फंसा कि उसे हवालात की हवा खानी पड़ी। फर्जी आईएएस बनकर कप्तान को मिठाई खिलाने पहुंचे युवक राकेश कुमार साहा ने यह सोचा भी नहीं होगा कि उसका यह दुस्साहस उसे कितना महंगा पड़ेगा। पहले तो कप्तान श्री सिंहने उसे बिठाया और फिर मुंह मीठा करते हुए उससे यूपीएससी परीक्षा से संबंधित कुछसवाल पूछे तो वह बगले झांकने लगा, तब उन्हें युवक पर संदेह हुआ और उन्होने सिविल लाइन पुलिस को बुलाकर उसे पकड़वा दिया। कप्तान श्री सिंह ने उसके परिजनों को भी उसके झूठ की जानकारी दी। फिलहाल युवक पर मामला दर्ज हो गया है और उससे पूछताछ जारी है।
फोन करके मिठाई खिलाने गया-
युवक ने पहले कप्तान श्री सिंह को फोन किया औरबताया कि वह बैतूल में पोस्टेड है, जबलपुर किसी कामसे आया है और उनसे मिलना चाहता है। युवक बकायदा पेंट-शर्ट और टाई पहनकर एक मिठाईका डब्बा साथ लिए एसपी के कार्यालय पहुंचे। कप्तान ने न केवल उसके झूठ को पकड़ा बल्कि उसके गुनाह भी कबूलवाया। कप्तान ने फोन करके उसके परिजनों को भी उसकी सच्चाई बताई। यूपीएससी की चयन सूची भी दिखाई- नटवरलाल से प्रेरित होकर सिंगरौली निवासी राकेश कुमार साहा ने न जाने कितने लोगों से ठगी की होगी। हाथ में कैबिनेट सेक्रेटेरियट दिल्ली से हस्ताक्षरित सलेक्शन सर्टिफिकेट और यूपीएससी की चयन सूची लेकर जब जनाब जबलपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अमित सिंह से मिलने पहुंचे तो यहां इनकी दाल नहीं गलपाई। कप्तान के सवालों के जाल में फर्जी कलेक्टर इस कदर फंसे कि फिर मुंह से कुछ भी न निकला।
फर्जी कलेक्टर बनकर ठगी करता था आरोपी-
सिंगरौली निवासी राकेश कुमार साहा फर्जीकलेक्टर बनकर कोंचिग सेंटर या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों कोअपने जाल मे फंसाया करता था। जबलपुर से लेकर दिल्ली तक इन फर्जी कलेक्टर साहब नेअपना जाल बिछाया था। यूपीएससी में सिलेक्शन के लिए किसी से 30 तो किसी से 50हजार रुपये लेने की बात भी प्राथमिक पूछताछ में पता चल गई। कप्तान ने ये भी पायाकि घर में अपने परिजन और पत्नी से झूठ बोलकर आरोपी दिल्ली में नौकरी करने की बातकहकर निकला था, लेकिन जब फोन पर फर्जी कलेक्टर का सचबताया गया तो परिजन भी स्तब्ध रह गए।
परिजनों को दी झूठ की जानकारी दी -
कप्तान ने फोन लगाकर आरोपी के पिता और पत्नी कोभी उसके झूठ और फरेब की जानकारी दी। कलई खुल जाने के बाद कप्तान ने फर्जी कलेक्टरको गिरफ्तार कर उसके खिलाफ एफआईआर के निर्देश दे दिए हैं,वहीं आरोपी के कब्जे से जब्त दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी।हालांकि कप्तान भी इस बात को अब तक नहीं समझ पाए कि आखिर अपने पैर पर कुल्हाड़ीमारकर फर्जी कलेक्टर उनसे क्यों मिलने पहुंच गया।
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