Madhya Pradesh: रेलवे स्टेशन में गाड़ियां 'लॉक' डाउन, डेढ़ हजार तक मांगा जा रहा पार्किंग शुल्क

लॉकडाउन में फंसे लोगों से मनमानी वसूली कर रहे हैं पार्किंग ठेकेदार। पढ़िए पूरी खबर-;

Update: 2020-05-24 12:48 GMT

Madhya Pradesh: इंदौर कोरोना (CORONA) संक्रमण काल में जनता वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन (LOCKDOWN) की मुश्किलों से निजात पाने की जद्दोजहद में भिड़ा हुआ है। वहीं कुछ लोग हालात से परेशान लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के इंदौर (INDORE) से आया है, जहां रेलवे स्टेशन की पार्किंग में अपने वाहन रखकर लॉकडाउन में फंसे लोगों से पार्किंग ठेकेदार मनमानी वसूली कर रहे हैं। पार्किंग से गाड़ी निकालने के लिए इन लोगों से डेढ़ हजार रुपये तक शुल्क मांगा जा रहा है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक यह मामला इंदौर रेलवे स्टेशन का है, जहां शनिवार को लॉकडाउन में फंसे सांवेर रोड क्षेत्र में रहने वाले रवि शर्मा ने इसकी शिकायत रेलवे पुलिस से लेकर स्टेशन प्रबंधक से की है। रवि ने बताया कि- '21 मार्च को मैंने अपनी बाइक स्टेशन की पार्किंग में खड़ी की थी। यहां से रतलाम गया था। तीन दिन रतलाम रहना था, इसलिए पार्किंग शुल्क के 200 रुपये देकर गया था। उसी दौरान लॉकडाउन हो गया। मैं रतलाम में ही फंस गया। 28 अप्रैल को प्रशासन द्वारा चलाई गई विशेष बस से मैं इंदौर अपने घर तो पहुंच गया, लेकिन लॉकडाउन के चलते घर से नहीं निकल सका। सोमवार से दफ्तर खुलने की सूचना मिली तो शनिवार को रेलवे स्टेशन पहुंचा। यहां पार्किंग के कर्मचारी ने लॉकडाउन की अवधि के पार्किंग शुल्क के 1340 रुपये मांगे।'

रवि के मुताबिक उन्होंने स्टेशन प्रबंधक और पुलिस को शिकायत की तो उन्होंने कह दिया कि आप लोग आपस में मामला सुलझा लो।

वहीं पार्किंग संचालक शुभम विश्वकर्मा का कहना है कि- 'पार्किंग में गाड़ी खड़ी थी, इसलिए शुल्क चुकाना ही होगा। हमने भी पैसे देकर पार्किंग का ठेका हासिल किया है।

इस मामले में इंदौर रेलवे स्टेशन के चीफ कमर्शियल इंस्पेक्टर एसके वर्मा ने बताया कि-'हमें पार्किंग संचालक की शिकायत मिली थी। इसके बाद पार्किंग संचालक पर तत्काल कार्रवाई की गई और जिस यात्री से पार्किंग संचालक ने अनावश्यक शुल्क लिया था, उसे वापस कराया गया।' 

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