Motor Vehicle Act 2019: अब वाहन को मॉडीफाइड करवाया तो मालिक को जाना पड़ेगा जेल, परिवहन आयुक्त ने जारी किए निर्देश

अब अगर कोई वाहन का मॉडिफाइड कराया जाता है। तो ऐसे में मालिक को जेल जाना होगा। दरअसल मोटरयान (संशोधित) अधिनियम 2019 कड़े प्रावधान के साथ लागू होने जा रहा है। इस संबंध में मंगलवार को परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव ने सभी आरटीओ आदेश जारी कर दिया है।;

Update: 2019-08-28 04:00 GMT

भोपाल। अब अगर कोई वाहन का मॉडिफाइड कराया जाता है। तो ऐसे में मालिक को जेल जाना होगा। दरअसल मोटरयान (संशोधित) अधिनियम 2019 कड़े प्रावधान के साथ लागू होने जा रहा है। इस संबंध में मंगलवार को परिवहन आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव ने सभी आरटीओ आदेश जारी कर दिया है। जिसमें कहा गया है कि आरटीओ अपने-अपने क्षेत्रों में इसका प्रचार-प्रसार कर वाहन चालकों को और सभी डीलर्स को जागरूक करें। इसके अलावा अधिनियम में कुछ नए नियम भी जोड़े गए हैं। जल्द ही इसे गजट नोटिफिकेशन में जारी करते ही लागू कर दिया जाएगा।

यह हैं प्रावधान

-धारा 40 में संशोधन के बाद वाहन स्वामी जिस राज्य में निवास करता है या कारोबार करता है, उस राज्य के किसी भी पंजीयन प्राधिकारी से वाहन पंजीकृत करवा सकता है।

-धारा 41 में संशोधन के बाद यदि वाहन उसी राज्य में पंजीकृत होना है, जिस राज्य में डीलर स्थित है, तो आवेदन डीलर को करना होगा। इसके अलावा पंजीयन के बगैर डीलर वाहन मालिक को नहीं सौंप सकता।

-नई धारा 110 ए में विनिमार्ता द्वारा खराब वाहन वापस लिए जाने के प्रावधान हैं तथा खराब वाहन वापस लिए जाने की स्थिति में विनिमार्ता की ओर से वाहन क्रेता को या तो वाहन की पूरी कीमत अदा करना होगी या खराब वाहन के बदले उसी किस्म या उससे उत्कृष्ट किस्म का दूसरा वाहन देना होगा।

-धारा 182ए में संशोधन के बाद यदि डीलर ऐसा वाहन बेचता है जो नियमानुसार निर्मित नहीं है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या एक लाख रुपए प्रति वाहन के अर्थ दंडया दोनों का भागी होगा।

-यदि विनिमार्ता वाहनों का निर्माण नियमानुसार नहीं करता है तो वह एक वर्ष तक के कारावास या 100 करोड़ रुपए के अर्थ दंड या दोनों का भागी होगा।

-यदि वाहन स्वामी नियम विरुद्ध वाहन में कोई परिवर्तन करता है, तो वह 6 माह तक के कारावास या पांच हजार रुपए प्रति परिवर्तन के अर्थ दंड या दोनों का भागी होगा।

नई धारा 182ए में यह है खास

-यदि पंजीयन प्राधिकारी वाहन के लिए नियमानुसार निर्धारित चौ़ड़ाई, ऊंचाई, लंबाई, ओवरहेंग तथा लदान क्षमता के उल्लंघन में वाहन पंजीयन करता है या कोई भी प्राधिकारी या प्राधिकृत टेस्टिंग स्टेशन अनफिट वाहन को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करता है तो वह पांच हजार रुपए से लेकर 10 हजार रुपए के अर्थ दंड का भागी होगा।

नई धारा 192बी में यह है खास

यदि वाहन बगैर पंजीयन के उपयोग किया जाता है तो ऐसे वाहन स्वामी की ओर से, वाहन के वार्षिक कर का 5 गुना या एक तिहाई जीवनकाल का जो भी ज्यादा हो दंड स्वरूप देय होगा।

-यदि डीलर की ओर से वाहन पंजीकृत कराए बगैर वाहन स्वामी को प्रदत्त की जाती है तो ऐसे वाहन डीलर पर वाहन के वार्षिक कर का 15 गुना या जीवनकाल कर जो भी ज्यादा हो दंड स्वरूप देना होगा।

-यदि वाहन स्वामी या डीलर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वाहन का पंजीयन करवाता है या वाहन पर लिखे इंजन नंबर या चेसिस नंबर पंजीयन प्रमाण में दर्ज नंबरों से भिन्न है, तो वह छह माह से 1 वर्ष तक के कारावास तथा वाहन पर देय वार्षिक कर का 10 गुना या दो तिहाई जीवनकाल कर जो भी ज्यादा हो का भागी होगा।

यह भी है अधिनियम में

मोटर व्हीकल (संशोधित) बिल 2019 के तहत लागू हुए ये नए कानून

-धारा 178 के तहत अब बिना टिकट यात्रा करने पर 500 रुपये जुमार्ना देना होगा।

-धारा 179 के तहत आॅथोरिटीज के आदेश नहीं मानने पर अब 2000 रुपये जुमार्ना देना होगा।

-धारा 181 में बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपये जुमार्ना देना होगा।

-धारा 182 में अयोग्य होने के बाद भी वाहन चलाने पर 10,000 रुपये जुमार्ना देना होगा।

-धारा 183 में अब ओवरस्पीडिंग 1000 रुपये जुमार्ना छटश् के लिए। 2000 रुपए जुमार्ना टढश् के लिए।

-धारा 184 में खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर अब 5000 रुपये तक का जुमार्ना देना होगा।

-धारा 185 में अब शराब पीकर वाहन चलाने पर 10,000 रुपये के जुमार्ने का प्रावधान है।

-धारा 189 के तहत अब स्पीडिंग/रेसिंग पर 5000 रुपये के जुमार्ने का प्रावधान है।

-धारा 1921 अ के तहत अब बिना परमिट वाला वाहन चलाने पर 10,000 रुपये तक के जुमार्ना देना होगा।

-धारा 193 के तहत लाइसेंस नियमों को तोड़ने पर 25,000 से 1 लाख रु तक के जुमार्ने का प्रावधान है।

-धारा 194 के तहत ओवरलोडिंग 2000 रुपए और प्रति टन 1000 रुपए अतिरिक्त 20,000 और प्रति टन पर 2000 रुपए अतिरिक्त जुमार्ना।

-धारा 194 अ के तहत अब ओवरलोडिंग 1000 रुपए प्रति एक्स्ट्रा पैसेंजर।

-धारा 194ए के तहत अब सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 1000 रुपए का जुमार्ना देना होगा।

-धारा 194बी में स्कूटर और बाइक पर ओवरलोडिंग पर 2000 रुपए तक का जुमार्ना और 3 माह के लिए लाइसेंस रद्द।

-धारा 196 में अब बिना बीमा (इंश्योरेंस) वाला वाहन चलाने पर 2000 रुपए का जुमार्ना देना होगा।

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