अफगानिस्तान: दो लोगों ने एक साथ ली राष्ट्रपति पद की शपथ, जानें पूरा मामला

अफगानिस्तान के दो नेताओं ने एक साथ राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली। विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान के इस रवैये से शांति समझौते पर असर पड़ सकता है।;

Update: 2020-03-09 13:21 GMT

अफगानिस्तान के सियासी घमासान ने उस वक्त एक नया मोड़ ले लिया, जब एक ही समय पर दो लोगों ने राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली। रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के विपक्ष में चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला ने अशरफ गनी के शपथ को वैध मानने से इनकार कर दिया था।

ये है मामला

अफगानिस्तान के चुनाव आयोग ने पिछले महीने अशरफ गनी को विजेता घोषित कर दिया था। लेकिन उनके खिलाफ चुनाव में खड़े अब्दुल्ला अब्दुल्ला को इस फैसले पर यकीन नहीं था।

उन्होंने जिद्द ठान ली थी कि उन्होंने चुनाव जीता है। साथ ही उन्होंने कहा था कि कुछ भी हो जाए, सरकार तो वही बनाएंगे। जिसके बाद शपथ ग्रहण को रोक दिया गया था। लेकिन फिर अशरफ गनी ने फैसला लिया कि वो राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।

दो लोगों ने एक साथ ले लिया शपथ

अशरफ गनी ने सोमवार को दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ग्रहण कर लिया। उनके शपथ ग्रहण समारोह में अमेरिका के विशेष राजदूत जालमे खालिजाद और अमेरिकी-नाटो सेना कमांडर जनरल स्कॉट मिलर के साथ साथ कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल हुए। लेकिन अब्दुल्ला अब्दुल्ला को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई। उन्होंने भी एक दूसरे समारोह में राष्ट्रपति पद की शपथ ले ली।

शांति समझौते पर पड़ सकता है असर

अफगानिस्तान ने तालिबान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है। लोगों को उम्मीद है कि शांति समझौते से हिंसा पर नकेल कसी जा सकेगी। लेकिन इसी दौरान अफगानिस्तान के नेताओं के बीच इस घमासान ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अफगानिस्तान के नेताओं के इस रवैये से तालिबान के सामने उसकी तस्वीर खराब होगी। जिससे शांति समझौते पर भी असर पड़ सकता है।

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