BRICS Virtual Meeting: ब्रिक्स वर्चुअल बैठक का आयोजन, इजराइल-हमास जंग पर होगी चर्चा

BRICS Virtual Meeting: इजराइल और हमास की जंग पर आज ब्रिक्स की इमरजेंसी बैठक होनी है। गाजा के हालात और मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव पर चर्चा होगी। भारत की तरफ से एस जयशंकर शामिल होंगे।;

Update: 2023-11-21 02:58 GMT

BRICS: इस्राइल और गाजा के बीच लगभग 46 दिनों से युद्ध जारी है, जिसमें अब तक 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इस बीच ब्रिक्स समूह के वर्तमान अध्यक्ष दक्षिण अफ्रीका ने ब्रिक्स का एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन बुलाया है। बैठक में चीन और रूस के राष्ट्रपति भी वर्चुअली शामिल होंगे और युद्ध को लेकर अपना-अपना पक्ष रखेंगे। मोस्को और चीन ने इसकी पुष्टि की है।

ये देश भी होंगे शामिल

सऊदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात के नेता, जो जनवरी 2024 में ब्रिक्स समूह में शामिल होने वाले हैं। इस मीटिंग में हिस्सा लेंगे। दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी भाग लेंगे। इसमें यह भी कहा गया कि ब्रिक्स के सभी पांच राष्ट्राध्यक्ष वर्चुअली शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, जिसके बाद गाजा के लिए एक संयुक्त बयान जारी करने की संभावना है।

दक्षिण अफ्रीका लंबे समय से फिलिस्तीनी मुद्दे का मुखर समर्थक रहा है, सत्तारूढ़ अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस पार्टी अक्सर इसे रंगभेद के खिलाफ अपने संघर्ष से जोड़ती है। एएनसी ने पिछले गुरुवार को कहा था कि वह इजरायली शासन के नरसंहार कार्यों की निंदा करते हुए गाजा में युद्धविराम के लिए सहमत होने तक इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को निलंबित करने के संसदीय प्रस्ताव का समर्थन करेगी। वहीं, पिछले महीने युद्ध शुरू होने के बाद से बीजिंग तत्काल युद्धविराम का आह्वान कर रहा है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम पर मध्य पूर्व में तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है और संघर्ष में इजरायल के आचरण की कड़ी निंदा की है।

ब्रिक्स क्या है

ब्रिक्स को आसान भाषा में ऐसे समझ सकते हैं कि पांच देशों से मिलकर बना एक समूह है। इसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है। यह सभी प्रमुख उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं हैं। ब्रिक्स देशों के बीच कोई औपचारिक या कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता नहीं है। ब्रिक्स शब्द जिम ओ'नील द्वारा बनाया गया था, जिन्होंने उस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था के भीतर इन देशों की क्षमता पर जोर देने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था।

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