ब्रिटेन की संसद में उठा किसान आंदोलन का मुद्दा, मंत्री बोले- यह भारत का 'घरेलू मामला'
भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे को ब्रिटिश संसद में उठाया गया। जिसके बाद बीते सोमवार को इस मसले पर विस्तार से बहस हुई। हालांकि, भारत की तरफ से इस तरह की बहस पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।;
भारत में मोदी सरकार के द्वारा लाये गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। इस मुद्दे पर बीते सोमवार को ब्रिटेन की संसद में बहस हुई। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक पेटिशन पर लाखों साइन किये गए।
इसके बाद भारत में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे को ब्रिटिश संसद में उठाया गया। जिसके बाद बीते सोमवार को इस मसले पर विस्तार से बहस हुई। हालांकि, भारत की तरफ से इस तरह की बहस पर कड़ी आपत्ति जताई गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, लंदन में मौजूद भारतीय हाईकमीशन ने कहा, ये केवल एक गलत तथ्यों पर आधारित और एकतरफा बहस ही थी। भारतीय हाईकमीशन की ओर से कहा गया, ब्रिटिश संसद में बिना तथ्यों के गलत आरोपों के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के विषय में बातचीत की गई है जोकि जो निंदनीय है।
भारत का घरेलू मामला
वहीं इस मामले पर ब्रिटिश सरकार में मंत्री नाइजल एडम्स ने बयान दिया। उनका कहना है कि यह भारत का घरेलू मामला है। इससे पहले भी भारतीय हाईकमीशन ने ब्रिटेन द्वारा किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया थी।
भारतीय हाईकमीशन की तरफ से कहा गया था,ये भारत का आंतरिक मसला है, ऐसे में गलत तथ्यों के साथ इसमें दखल ना दिया जाए। जानकारी के लिए आपको बता दें कि ब्रिटिश संसद की वेबसाइट पर किसान आंदोलन पर बातचीत के लिए एक पेटिशन डाली गई थी। पेटिशन एक लाख से अधिक साइन हुए थे। इसी कारण ब्रिटिश संसद को किसान आंदोलन के मुद्दे पर बहस करनी पड़ी।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश की राजधानी दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों को दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए तीन महीने से अधिक समय हो गया है। किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा तब तक आंदलोन जारी रहेगा।