FATF ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे-लिस्ट में बरकरार रखा

एफएटीएफ लगातार पाकिस्तान पर नजर बनाये हुए है। एफएटीएफ ने पाया कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग से जुड़ी कई कमियां बरकरार हैं।;

Update: 2021-02-26 03:17 GMT

आतंक के आका पाकिस्तान को अभी ग्रे-लिस्ट से निजात नहीं मिल पाई है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे-लिस्ट में जून तक के लिए बरकरार रखा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को टेरर फंडिगं रोकने के लिए जो मुकम्मल कदम उठाने थे वो नहीं उठाए गए। इसलिए उसे ग्रे-लिस्ट में बरकरार रखा गया है। 

बता दें कि एफएटीएफ लगातार पाकिस्तान पर नजर बनाये हुए है। एफएटीएफ ने पाया कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग से जुड़ी कई कमियां बरकरार हैं। पाकिस्तान 27 मापदंडों में से 3 ऐसे थे जिनको पूरा नहीं कर पाया है।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने साल 2018 जून में पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में रखा था। जब से अब तक पाकिस्तान आतंक के खिलाफ मुकम्मल कदम नहीं उठा पाया है। एफएटीएफ का कहना है कि पाकिस्तान को सभी नामित आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही होगी। 

पेरिस स्थित वित्तीय कार्यबल (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) ने दो-टूक कहा कि पाकिस्तान की अदालतों को आतंकवाद में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए। साथ ही वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में काम करना चाहिए। 

खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार को शुरू हुए सम्मेलन के निष्कर्षों पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा, पाकिस्तान के द्वारा आतंकवाद का वित्तपोषण रोकने में गंभीर खामियां हैं। आगे कहा कि यही नहीं पाक आतंकी फंडिंग से निपटने के लिए प्रभावी व्यवस्था की कमी है।  

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