फ्रांस Pegasus फोन टैपिंग केस की करेगा जांच, भारत में भी जारी है विवाद

रिपोर्ट के अनुसार, मोरक्को की एजेंसी द्वारा पेगासस (Pegasus) के माध्यम से 1000 फ्रैंच लोगों को टारगेट किया गया था। इसमें 30 जॉर्नलिस्ट सहित अन्य मीडियापर्सन शामिल हैं।;

Update: 2021-07-20 09:40 GMT

Pegasus Phone Tapping Case: भारत समेत दुनिया के कई देशों को हिलाने वाले पेगासस फोन टैपिंग केस की जांच अब फ्रांस करेगा। इस केस में फ्रांस ने जांच बैठा दी है। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, पेगासस मीडिया जासूसी के मामले में जांच शुरू कर दी गई है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनियों के द्वारा जो खुलासा किया गया है, उसके अनुसार पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया किया गया है। इसके जरिये लगभग एक हजार फ्रांसीसी लोगों को निशाना बनाया गया है और उनके फोन टैप किए गए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, मोरक्को की एजेंसी द्वारा पेगासस (Pegasus) के माध्यम से 1000 फ्रैंच लोगों को टारगेट किया गया था। इसमें 30 जॉर्नलिस्ट सहित अन्य मीडियापर्सन शामिल हैं। खबरों से मिली जानकारी के मुताबिक, जिनके फोन टैप किए गए उनमें Le Monde, Le Canard Enchaîné, Le Figaro, Agence France-Presse और France Télévisions के जॉर्नलिस्ट  भी शामिल हैं।

बता दें कि पेगासस जासूसी विवाद की वजह से भारत सहित विश्व के कई देशों में बवाल जारी है। देश में 40 से ज्यादा पत्रकारों, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं, केंद्रीय मंत्रियों समेत अन्य लोगों के फोन हैक किए जाने की बात कही गई है। जिसके बाद विपक्ष केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। बता दें कि संसद के दोनों सदन राज्यसभा और लोकसभा में

लगातार इस मसले पर हंगामा हो रहा है। वहीं, केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से इन आरोपों को पूरी तरह से नकार दिया गया है। मोदी सरकार की तरफ से साफ साफ शब्दों में कहा गया है कि वह किसी जासूसी में शामिल नहीं है। ये आरोप सिर्फ इमेज बिगाड़ने के लिए लगाए गए हैं।

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