Israel Hamas War: गाजा में युद्धविराम पर संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग, भारत ने मतदान करने से किया परहेज

Israel Hamas War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर मतदान से परहेज किया, जिसमें इजरायल-हमास संघर्ष में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था। पढ़ें रिपोर्ट...;

Update: 2023-10-28 02:40 GMT

Israel Hamas War: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन द्वारा प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग करने से इनकार कर दिया, जिसमें इजराइल-हमास युद्ध में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था, क्योंकि इसमें आतंकवादी समूह हमास का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। मसौदा प्रस्ताव में गाजा पट्टी में निर्बाध मानवीय पहुंच का भी आह्वान किया गया था और इसे बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों का समर्थन हासिल हुआ।

कनाडा ने रखा था एक संशोधन का प्रस्ताव

कनाडा ने एक संशोधन का प्रस्ताव रखा कि हमास द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों की आलोचना करने वाला एक पैराग्राफ भी जोड़ा जाए। भारत ने 87 अन्य देशों के साथ कनाडा के प्रस्तावित संशोधन के पक्ष में मतदान किया। लेकिन दो-तिहाई बहुमत न होने के कारण इसे अपनाया नहीं जा सका। नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी व मानवीय दायित्वों को कायम रखना शीर्षक से जॉर्डन द्वारा तैयार किए गए प्रस्ताव को 120 देशों ने इसके पक्ष में मतदान किया, 14 ने इसके खिलाफ और 45 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। भारत, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और ब्रिटेन ने मतदान में भाग नहीं लिया।

भारतीय प्रतिनिधि बोलीं- आतंकवाद एक घातक बीमारी

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल ने कहा कि 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए आतंकी हमले चौंकाने वाले थे और निंदा के लायक थे। हमारी संवेदनाएं बंधक बनाए गए लोगों के साथ हैं। हम उनकी तत्काल और बिना शर्त रिहाई का आह्वान करते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक घातक बीमारी है और इसकी कोई सीमा, राष्ट्रीयता या नस्ल नहीं होती है। आइए हम मतभेदों को दूर रखें, एकजुट हों और आतंकवाद के प्रति कड़ा रूख अपनाएं।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि मानवीय संकट को संबोधित करने की जरूरत है। हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के तनाव कम करने के प्रयासों और गाजा के लोगों को मानवीय सहायता पहुंचाने का स्वागत करते हैं। भारत ने भी इस प्रयास में योगदान दिया है।

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