तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर अमेरिका और पाकिस्तानी मीडिया समेत अन्य देशों ने भी छापी खबर, जानें किसने क्या लिखा...
एक साल से जारी 3 कृषि कानूनों को रद्द (repeal of 3 agricultural laws) कराने की मुहीम आखिरकार रंग लाई और गुरु पूर्णिमा (गुरु पर्व) के दिन केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया।;
एक साल से जारी 3 कृषि कानूनों को रद्द (repeal of 3 agricultural laws) कराने की मुहीम आखिरकार रंग लाई और गुरु पूर्णिमा (गुरु पर्व) के दिन केंद्र की मोदी सरकार ने तीनों कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया। खुद पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इसका ऐलान किया। ऐलान होते ही ये खबर दुनिया के अन्य देशों के अखबरों में छप गई। वर्ल्ड मीडिया इस पर नजर बनाए हुए थी।
विदेशी मीडिया ने दिया रिएक्शन
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और पाकिस्तान जैसे देशों के न्यूज पेपर और वेबसाइट पर ये खबर होमपेज पर दिखी। 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के वेबसाइट ने इस खबर को ब्रेकिंग बताया और कहा कि किसानों द्वारा चला आंदोलन आखिरकार एक साल तक चला और सरकार को अपना रुख बदलना पड़ा। विवादित कानून को वापस लेना पड़ा। अच्छी बात है कि सरकार के इस फैसले का किसानों ने स्वागत किया गया।
सीएनए न्यूज ने लिखा कि ये सियासी मजबूरी है। जैसे पीएम मोदी ने कहा वैसा भी भाषण पब्लिश कर दिया गया। वहीं द गार्जियन ब्रिटिश अखबार ने लिखा कि सरकार इस कानून के जरुए पूरा ढांचा बदलना चाहती थी। लेकिन किसानों को ये नागवार गुजरा और फैसला वापस लेना पड़ा।
जबकि दूसरी तरफ कनाडा के अखबार द ग्लोब एंड मेल ने लिखा कि कि पीएम मोदी ने एक बार फिर देश की जनता को चौंका दिया। उनकी एक बात पर गौर करना चाहिए। जबकि पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबर डॉन में लिखा गया कि मोदी सरकार को कृषि कानूनों पर पीछे हटना पड़ा। geo.tv टीवी और tribune.com.pk जैसी वेबसाइट्स में भी कुछ ऐसे ही शब्दों में लिखा गया।