Israel-Palestine Conflict : पहले हथियार फिर यूएन में इजराइल को अमेरिका ने बचाया, फिलिस्तीन को लगा बड़ा झटका
संयुक्त राष्ट्र में आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा हुई।;
इजरायल और फिलिस्तीन के बीच अभी मौजूदा टकराव जारी है और इस बीच एक बार फिर अमेरिका ने इजरायल का समर्थन किया है। तो वहीं दूसरी तरफ फिलिस्तीन को बड़ा झटका दिया है। जहां एक तरफ अमेरिका ने इजरायल को हथियार बेचने की मंजूरी दी है। तो वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र में इजरायल का बचाव किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र में आपात बैठक बुलाई गई। जिसमें इजरायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा हुई। इस दौरान चीन ने इजराइल और फिलिस्तीन में जारी संघर्ष को रोकने के लिए सीजफायर की मांग की। तो वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने वीटो पावर का इस्तेमाल किया है।
ऐसे में माना जा रहा है कि अमेरिका इजराइल का साथ दे रहा है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ कई देश दोनों देशों के बीच जारी संघर्ष को रोकने की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने इजराइल को 75.5 करोड डॉलर यानी कि 5.4 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेचने की मंजूरी दे दी। वहीं दूसरी तरफ इस मंजूरी के बाद बाइडन प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बाइडन प्रशासन के इस फैसले के बाद डेमोक्रेटिक सांसद ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीजफायर का दबाव डाले बिना हथियार बेचने से लोगों को मौत के घाट उतार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट बमों की इस प्रस्तावित बिक्री को इजरायल को सीजफायर पर सहमत होने के लिए दबाव डाले बिना आप नरसंहार को बढ़ावा दे रहे हैं।
लेकिन सांसदों की नई पीढ़ी इजरायल के अमेरिकी समर्थन पर सवाल करने को लेकर अधिक मुखर है। कुछ सांसद हथियारों की प्रस्तावित बिक्री के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं। वे चाहते हैं कि इसमें उनकी राय को भी शामिल किया जाए। जानकारी के लिए बता दें कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच हुए हमलों में अब तक 200 लोगों की मौत हो चुकी है। बहरीन, फिलिस्तीन के हमास संगठन की तरफ से फेंके गए रॉकेट हमले और इजराइल की जवाबी कार्रवाई में 200 लोगों की जान जा चुकी है। अभी भी कई देश इजराइल के समर्थन में खड़े हैं।