Kulbhushan Jadhav Case Brief : भारत ने 1 रुपए में पाकिस्तान को हरा दिया, रुक गई कुलभूषण जाधव फांसी
अब आईसीजे ने 15-1 के बहुमत से भारत के पक्ष में फैसला सुनाकर पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फेर दिया है और कुलभूषण जाधव की फंसी के फैसले पर पुर्नविचार करने को कहा है।;
पाकिस्तान को एक बार फिर जोर का झटका लगा है, उसका झूठ बेनकाब हो गया है। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले में भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है। चौंकाने वाली बात यह है कि कुलभूषण जाधव का केस लड़ने वाले भारत के वकील हरीश साल्वे ने फीस के माप पर मात्र एक रुपए लिए, जबकि पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को जासूस साबित करने के लिए 20 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर दिए हैं।
पाकिस्तानी सेना जाधव को फांसी पर चढ़ाकर कसाब का बदला लेना चाहती थी और उसका उद्देश्य जाधव को कसाब की तरह आतंकी बताकर भारत को विश्व बिरादरी के सामने बदनाम करना था। यही कारण रहा कि एक के बाद एक 16 बार भारत द्वारा आग्रह करने के बावजूद पाक ने जाधव तक राजनयिक पहुंच नहीं होने दी। वो बार-बार इससे इनकार करता रहा।
पाक की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में हुई सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव को मौत की सजा सुना दी। इसके बाद भारत ने 8 मई 2017 को आईसीजे का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में भारत की आेर से प्रमुख वकील हरीश साल्वे पेश हुए। आईसीजे की दस सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक लगाकर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया था।
इसी बीच पाकिस्तान ने लगातार बढ़ते भारतीय दबाव के चलते जाधव की मां और पत्नी को उससे मिलने की इजाजत तो दी, लेकिन बेशर्मी की सभी मर्यादाएं लांघ गया। मुलाकात से पहले मां और पत्नी के कपड़े बदलवा दिए गए, उनकी चप्पलें भी उतरवा लीं गईं। पाक अधिकारियों को शक था कि उनके कपड़ों व चप्पलों में चिप लगी हो सकती है। इतना ही नहीं मुलाकात के दौरान भी दोनों के बीच कांच की दीवार खड़ी कर दी गई।
यह कैसी मुलाकात हुई जहां मां वर्षों बाद बेटे से तो मिली, लेकिन उसे गले नहीं लगा पाई। पाकिस्तान की धूर्तता केवल यही तक ही नहीं थमी। मुलाकात के दौरान मां और पत्नी को सख्त निर्देश दिए गए कि वे अपनी भाषा में उससे बात नहीं कर सकते, यह अनैतिकता की पराकाष्ठा थी। मुलाकात के दौरान जाधव को इतना डराकर रखा गया था कि वो बेचारा पाक अधिकारियों द्वारा याद करवाए पाठ को ही सुनाता रहा।
उसकी आंखों से टपकते आंसू पाकिस्तान की हैवानियत की कहानी बताने के लिए काफी थे। पाकिस्तान जैसे भी हो उसे फांसी पर लटकाने पर अामादा था। इसके लिए उसने वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 (1) को भी ताक पर रख दिया। अब एक तरह से देखें तो अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत के सारे तर्क स्वीकार कर लिए और पाकिस्तान के सारे तर्क नकार दिए। इस फैसले के बाद पाक की अतंरराष्ट्रीय स्तर पर किरकिरी हो रही है।
जाधव को लेकर पाकिस्तान की पूरी कहानी झूठ के अलावा कुछ और थी ही नहीं। भारत का कहना था कि पाक सेना द्वारा जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद अपने कारोबार के सिलसिले में ईरान गए थे, लेकिन पाक का उद्देश्य भारतीय होने के कारण उसे किसी भी सूरत में फांसी पर लटकाना था। अब आईसीजे ने 15-1 के बहुमत से भारत के पक्ष में फैसला सुनाकर पाक के मंसूबों पर पानी फेर दिया है और फैसले पर पुर्नविचार करने को कहा है।
हालांकि, जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला मानने के लिए कोई भी देश बाध्य नहीं है, इसलिए जरूरी है कि भारत सरकार इस मामले में पाक पर दबाव बनाकर रखे। वैसे भी पाक की माली हालत ऐसी नहीं है कि वो विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के सामने ऐसा दु:साहस करे।
फिर भी अगर वो ऐसी गलती करता है तो यह बहुत भारी पड़ेगी। क्योंकि अब सरबजीत के समय वाला भारत नहीं है। पाक को भी अच्छी तरह से पता है कि जो भारत पुलवामा के बाद बालाकोट कर सकता है, वो कुछ भी कर सकता है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App