बढ़ती तेल की कीमतों पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जताई चिंता, बोले- भारत की कमर तोड़ रही हैं...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान जयशंकर ने रूसी तेल पर मूल्य सीमा के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और कई कई मुद्दों पर बात की।;
विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) वाशिंगटन के 4 दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। इस बीच मंगलवार को उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन (US Secretary of State Antony Blinken) से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। इस दौरान भारत ने आज जी-7 (सात औद्योगिक देशों का समूह) द्वारा प्रस्तावित रूसी तेल पर मूल्य सीमा के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की और कई कई मुद्दों पर बात की।
जयशंकर ने कहा, "हमारी प्रति व्यक्ति अर्थव्यवस्था 2,000 डॉलर है। हम तेल की कीमत (Oil Price) को लेकर चिंतित हैं। तेल की कीमत हमारी कमर तोड़ रही है। यह हमारे लिए बड़ी चिंता का विषय है।" साथ ही आतंकवाद (Terrorism) को लेकर उन्होंने कहा कि मैं अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से निपटने के लिए अमेरिका द्वारा दिए गए मजबूत सहयोग की सराहना करता हूं। उन्होंने कहा, "आज की बैठक में हमने अपने राजनीतिक समन्वय, महत्वपूर्ण क्षेत्रीय मुद्दों पर आकलन के आदान-प्रदान और वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग पर चर्चा की।
हमने विशेष रूप से यूक्रेन संघर्ष और भारत-प्रशांत स्थिति पर बहुत गंभीरता से चर्चा की। उन्होंने कहा, करीबी सहयोग से हमारी राष्ट्रीय, आर्थिक और तकनीकी सुरक्षा बढ़ी है। उन्होंने कहा, "आज, मैं अमेरिका को देखता हूं जो पारंपरिक गठबंधनों से परे सोचकर भारत के साथ जुड़ने के लिए बहुत खुला है।" क्वाड आज बहुत अच्छा काम कर रहा है, अब काफी बढ़ गया है। आज अमेरिका (America) के साथ हमारे संबंध संभावनाओं की एक पूरी श्रृंखला को खोलते हैं….मैं संबंधों को लेकर आशावादी हूं।
रक्षा उपकरणों के आयात पर, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (External Affairs Minister Dr. S Jaishankar) ने कहा, हमारे पास बहु-सोर्सिंग की परंपरा है और अब हमारे लिए यह मायने रखता है कि प्रतिस्पर्धी स्थिति से इष्टतम सौदा कैसे प्राप्त किया जाए।
उन्होंने कहा, ज़रा सोचिए कि पिछले दिनों रूस से हमें जो स्पेयर पार्ट्स मिले हैं, उनकी सर्विसिंग या आपूर्ति के मामले में हमें किसी समस्या का सामना करना पड़ा है। हम अपने सैन्य उपकरण कहां से लाएं यह कोई नई बात नहीं है। हम एक विकल्प चुनते हैं जो हमारे राष्ट्रीय हित में है। साथ ही उन्होंने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध ( Ukraine and Russia War) को लेकर कहा कि यह विवाद किसी के हित में नहीं है। बातचीत के माध्यम से आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है।